Home Breaking सुहास भगत को एमपी बीजेपी की कमान सौपने के पीछे आरएसएस की मंशा क्या?

सुहास भगत को एमपी बीजेपी की कमान सौपने के पीछे आरएसएस की मंशा क्या?

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सुहास भगत को एमपी बीजेपी की कमान सौपने के पीछे आरएसएस की मंशा क्या?
RSS Pracharak Suhas Bhagat to lead bjp in madhya pradesh
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भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में अभी भले ही कुछ साल शेष हों लेकिन हर हाल में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी हेट्रिक बनाने के बाद दौबारा सत्ता में आने की तैयारी लगभग तय कर ली है।

ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्यभारत प्रांत प्रचारक सुहास भगत को भाजपा ने प्रदेश संगठन महामंत्री की कमान सौंपी है। भगत के बारे में बताने के लिए कई विशेष बातें है। जो उन्हें आम से खास बनाती है।

आरएसएस से जुड़े तमाम स्वयंसेवकों के साथ अन्य संगठनों से जुड़े लोगों का भगत को लेकर कहना है कि एक अच्छे संगठक के रूप में उनकी पहचान सर्वव्यापी है। वे शुरू से ही श्रेष्ठ समन्वयक की भूमिका निभाते आए हैं। लक्ष्योन्मुखी गुण होने के कारण अभी तक बड़े-बड़े योजनाओं को वे कम समय में ही उसकी पूर्णता तक पहुंचा चुके हैं।

संघ के एक प्रांत अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भगत बहुत ही निचले पायदान से अपनी योग्यता, श्रम और समर्पण के सामथ्र्य के दम पर सतत् ऊंचाईयों को प्राप्त करने वाले व्यक्ति हैं।

उन्होंने बताया कि राम मंदिर आंदोलन के समय सुहास भगत संघ के संपर्क आए और राष्ट्र सेवा के लिए अपने पूरे जीवन का व्रत धारण करते हुए प्रचारक निकल गए। संघ में भोपाल जिला प्रचारक से जिम्मेदारी वहन करते हुए आप भोपाल विभाग प्रचारक फिर विदिशा और राजगढ़ विभाग प्रचारक के साथ प्रांत बौद्धिक प्रमुख रहे। इसके बाद आप सीधे सह प्रांत प्रचारक तथा प्रांत प्रचारक हुए।

सुहास भगत की खास बात यह रही है कि वे संघ कार्य को खंड स्तर यानि प्रांत में ग्राम-ग्राम तक ले गए। इनके समय मध्य भारत में तेजी से शाखाओं का विस्तार हुआ जो 15 सौ से ऊपर पहुंच गई।

इनके समय ही गुणवत्ता संचलन, सामाजिक समरसता अभियान, पुस्तक विक्री अभियान, सामाजिक समरसता और इसकी वर्तमान परिस्थि‍‍ति जानने के लिए ग्रामीण सर्वेक्षण, विद्यार्थी शाखाओं का तेजी से विस्तार, महाविद्यालयीन छात्रों के लिए अलग से 20 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग का शुभारंभ, कुटुम्ब प्रबंधन जैसे बड़े कार्य हुए हैं।

भोपाल गैस कांड के समय आपने कई स्वयंसेवकों के साथ रात-दिन लगकर सैकड़ों लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुहास न केवल मध्यभारत प्रांत बल्कि सम्पूर्ण प्रदेश में नीचे तक के कार्यकर्ताओं को नाम से जानते हैं तथा कार्यकर्ताओं से सहज संपर्क और संवाद ही उनकी पहचान है।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव होना है। इस लिहाज से प्रदेश संगठन महामंत्री के पद पर भाजपा का भगत को दायित्व सौंपना अहम माना जा रहा है।