Home India City News जीवन में भी संघ का प्रकटीकरण हो: कुलकर्णी

जीवन में भी संघ का प्रकटीकरण हो: कुलकर्णी

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जीवन में भी संघ का प्रकटीकरण हो: कुलकर्णी
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रतलाम। अपने घर से लेकर राष्ट्र तक हिंदुत्व के भाव से काम करें तथा निजी जीवन में भी संघ का प्रकटीकरण होना चाहिए।

स्वदेशी को अपनाएं और घर-घर जाकर स्वदेशी का प्रचार करें। देशभक्ति का प्रचार करें तभी हम भारत माता को वैभव तक पहुंचाने में सफल हो पाएंगे। संघ आज 90 वर्ष पूर्ण कर चुका है। इस अवधि में कई अवरोध आए, कई अड़चनें आई, उसके बावजूद भी संघ आज लोगों के आस्था व विश्वास का कें द्र बना हुआ है। उसमें उन सभी स्वयंसेवकों की भूमिका है जो राष्ट्र के प्रति समर्पित होकर देशभक्ति का अलख जगा रहे हैं।

 

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मालवा प्रांत के व्यवस्था प्रमुख स्वपनिल कुलकर्णी ने कला विज्ञान महाविद्यालय परिसर में आयोजित दशहरा उत्सव  के अवसर पर यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि  दुर्बल का ना कोई सम्मान करता है ना ही सहयोग । विश्व में भारत का सम्मान बढ़ रहा है, भारत के जीवन मूल्यों को दुनिया स्वीकार कर रही है  इसका कारण यह है कि भारत शक्तिशाली बन कर उभर रहा है।


उन्होंने कहा कि अहिंसा किसी का व्यक्तिगत गुण हो सकती है लेकिन राष्ट्र के संदर्भ में सामथ्र्यवान, शक्तिवान, होना आवश्यक है। इस भारतभूमि पर दशरथ भी हुए जिनसें सहायता मांगने स्वयं देवता भी आते थे और जनक जेसे  सेवाभावी विद्वान भी हुए, उसी समय रावण भी हुए।

जब विश्वामित्र ने दशरथ और जनक को मिलाया तो रावण का पराभाव हुआ अर्थात सज्जन शक्ति यदि संगठित हो जाए तो अधर्मियों का विनाश निश्चित है । राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ यही विश्वामित्र की भूमिका निभा रहा है। संघ समस्त हिन्दू समाज को संगठित कर विश्व को सुरक्षित करने का प्रयास कर रहा है, क्योंकि हिन्दुत्व की विचारधारा पर चलकर ही पर्यावरण पृथ्वी और मानव जाति की सुरक्षा संभव है।  


कार्यक्रम के प्रारंभ में सामूहिक गीत.व्यक्तिगत गीत,एवं अमृत वचन का वाचन हुआ। अतिथियों द्वारा पारंपरिेक शस्त्र पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। बौद्धिक के पश्चात पथसंचलन निकाला गया जो महाविद्यालय मैदान से प्रारंभ होकर विभिन्न मार्गों से होता हुआ पुन: महाविद्यालय पहुंचा।