लखनऊ। अपनी बेटी सारा की मौत को लेकर इंसाफ की लड़ाई लड़ रही सीमा सिंह ने प्रदेश के कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया पर गम्भीर आरोप लगाए हैं। सीमा ने कहा है कि रामूवालिया ने उनके घर आकर उन्हें चुनाव के कारण तीन महीने तक चुप रहने को कहा।
सीमा ने सोमवार को बताया कि कारागार मंत्री रामूवालिया उनके घर आए थे। इस पर उन्हें लगा कि मंत्री जी सारा की मौत को लेकर भावुक हैं, लेकिन उन्होंने विधानसभा चुनाव का समय होने के कारण मुझे ही तीन महीने तक चुप बैठने की नसीहत दे डाली। इसके अलावा दूसरे दलों से भी दूर रहने की सलाह दी।
सीमा ने सवाल किया है कि कारागार मंत्री किसके इशारे पर उन्हें खामोश रहने को बोल रहे थे। क्या उन्हें समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव या प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने भेजा था या फिर अमनमणि का इसके पीछे हाथ है।
अमनमणि को सपा ने महाराजगंज की नौतनवा विधानसभा सीट से टिकट दिया है। वह अपनी पत्नी सारा की हत्या के आरोप में बीती 25 नवम्बर को गिरफ्तारी के बाद फिलहाल गाजियाबाद की डासना जेल में है।
सारा की 9 जुलाई 2015 को अमनमणि के साथ लखनऊ से दिल्ली जाते समय सिरसागंज में कार हादसे में संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। हादसे में अमनमणि को मामूली खरोंच तक नहीं आई थी, इसके बाद सीमा सिंह ने अमनमणि पर उनकी बेटी की हत्या का आरोप लगाया था।
सीमा के मुताबिक सारा ने कई बार उनसे अमनमणि के बुरे बर्ताव के बारे में बताया था। अमनमणि ने अपने घरवालों की मर्जी के खिलाफ जुलाई 2013 में लखनऊ की रहने वाली सारा से आर्य समाज मंदिर में शादी की थी।
इसके बाद सारा की जिन्दगी नरक से भी बुरी बन गई थी। वहीं अमनमणि के पिता पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी भी बहुचर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकाण्ड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।