Home Headlines नगालैंड : 11 मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री के पद की डॉ. सुरहोजेले ने ली शपथ

नगालैंड : 11 मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री के पद की डॉ. सुरहोजेले ने ली शपथ

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नगालैंड : 11 मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री के पद की डॉ. सुरहोजेले ने ली शपथ
Shurhozelie Liezietsu sworn in as Nagaland Chief Minister
Shurhozelie Liezietsu sworn in as Nagaland Chief Minister
Shurhozelie Liezietsu sworn in as Nagaland Chief Minister

कोहिमा। नगालैंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में डा. सुरहोजेले लेजित्सु ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। राज्यपाल पीबी आचार्य ने डा. सुरहोजेले लेजित्सु को राजभवन के दरबार हाल में शपथ दिलाई।

मुख्यमंत्री के साथ ही कुल 11 मंत्रियों ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। मंत्रियों के रूप में शपथ लेने वालों में कियानिली पेसेई, यानथुंगो पाटोन, पी. लोंगोन, सी. किपिली संगताम, सी.एल. जॉन, इताचू, पाइवांग कोन्याक, विखेहो श्यू, चोटीसू साजो, इम्कांग एल. इनचेन और जी काइटो एये शामिल हैं।

राज्य में निकाय चुनाव में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के मुद्दे को लेकर आरंभ आंदोलन का पटाक्षेप राज्य में नए मुख्यमंत्री के बदलाव के साथ समाप्त हो गया। हालांकि इस दौरान राज्य जहां कई हिंसक घटनाओं का गवाह बना वहीं, एनपीएफ से निलंबित राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद नेफ्यू रियो पुनः मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए।

कुल मिलाकर नगालैंड पार्टी के अध्यक्ष डा. सुरहोजेले लेजित्सु न चाहते हुए भी 81 वर्ष की उम्र में राज्य के 17वें मुख्यमंत्री बन गए। जबकि वे विधायक भी नहीं हैं। हालांकि वे राज्य में दो बार मंत्री पद पर रहते हुए अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

शपथ ग्रहण समारोह बुधवार को दिन के 11 बजे राजभवन में आरंभ हुआ। इस मौके पर एनपीएफ के सभी विधायकों के साथ ही नगालैंड डेमोक्रेटिक एलायंस के विधायक भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि नगालैंड में उत्पन्न राजनीतिक उथल-पुथल के बीच एनपीएफ व डीएएन विधायकों की बैठक में सर्वसम्मित से डा. सुरहोजेले लेजित्सु को विधायक दल का नेता चुना गया था।

उन्होंने राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए सभी से मिलकर काम करने का आह्वान किया है। उन्होंने माना है कि हाल की घटनाओं से राज्य का भारी नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती।

ज्ञात हो कि 81 वर्षीय डा. सुरहोजेले लेजित्सु वर्तमान में विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। उन्हें आने वाले कुछ दिनों में विधानसभा का चुनाव लड़ना पड़ेगा। कारण वे 2013 में विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था।

इससे पहले वे 2003 में उत्तर अंगामी विधानसभा से विधायक चुने गए थे। वे राज्य के शहर विकास मंत्री का दायित्व संभाला था। इसके अलावा वर्ष 2008 में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर दूसरी बार शहर विकास मंत्री के साथ ही शिक्षा विभाग का भी दायित्व संभाला था।