Home Breaking सेक्स सीडी कांड : पत्रकार विनोद वर्मा को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी

सेक्स सीडी कांड : पत्रकार विनोद वर्मा को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी

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सेक्स सीडी कांड : पत्रकार विनोद वर्मा को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी
Sleaze CD row : Journalist Vinod Verma sent to judicial custody
Sleaze CD row : Journalist Vinod Verma sent to judicial custody
Sleaze CD row : Journalist Vinod Verma sent to judicial custody

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की अदालत में मंगलवार को काफी गहमा-गहमी भरे माहौल में सेक्स सीडी कांड की सुनवाई हुई। वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह 11 बजे चतुर्थ व्यवहार न्यायाधीश भावेश वट्टी की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

अदालत में मौजूद सूत्रों ने बताया कि विनोद वर्मा ने अदालत से गुहार लगाई कि उन्हें संगीन मामले के अपराधियों और विचाराधीन कैदियों के साथ न रखा जाए। अदालत ने उनकी यह बात मान ली और उन्हें स्पेशल सेल में रखने का आदेश दिया।

आईजी प्रदीप गुप्ता ने कहा कि तीन दिनों से सूबे की सियासत में सनसनी फैलाने वाली सीडी की गोपनीय सूचना पुलिस के पास पहले ही आ गई थी कि राज्य के एक प्रमुख नेता पर आधारित सीडी की कापियां गाजियाबाद में तैयार कराई जा रही हैं। पुलिस के खुफिया तंत्र को इसकी पहली सूचना 23 अक्टूबर को मिल गई थी। उसके बाद ही पूरा अमला सक्रिय हुआ।

उन्होंने कहा कि पहली सूचना जब मिली थी, तब यह स्पष्ट नहीं था कि किस नेता की सीडी है। उसी दिन तत्काल जांच शुरू कर दी गई। सरकार के कुछ खास लोगों को इसकी सूचना दी गई। 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे पुलिस के पास पुख्ता सूचना आ गई थी कि तीन-चार क्लिपिंग छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक करने की तैयारी चल रही है।

आईजी ने कहा कि 27 अक्टूबर को वीडियो को वायरल कर छत्तीसगढ़ में हलचल मचाने की तैयारी थी। इसके बाद रायपुर से दिल्ली तक कुछ लोगों की फोन कॉलिंग पर नजर रखी गई और इस जांच में राज्य ही नहीं, दिल्ली के साइबर एक्सपर्ट भी लगा दिए गए। सैकड़ों मोबाइल नंबरों की पड़ताल के बाद कन्फर्म हुआ कि वीडियो वायरल करने की तैयारी की गई है।

उन्होंने बताया कि गाजियाबाद में छापे के बाद मिले 500 सीडी से खुलासा हुआ कि इसके जरिये छत्तीसगढ़ में किसे निशाना बनाया गया है। 26 अक्टूबर को ही पुलिस मुख्यालय और रायपुर पुलिस के अफसरों को इमरजेंसी मैसेज देकर बुलाया गया।

उन्हें बताया गया कि दिल्ली या रायपुर से एक-दो दिन में एक वीडियो वायरल किया जाने वाला है। अब तक ये साफ नहीं हो पाया था कि सीडी में टेम्परिंग वगैरह कहां से की गई, लेकिन पुलिस के पास यह जानकारी आ गई थी कि एक डिजिटल शॉप से इसकी 1000 कॉपियां बनवाई जा रही हैं।

आईजी ने बताया कि वक्त कम था, इसलिए पुलिस की एक टीम को तुरंत दिल्ली भेजने के लिए विमान के टिकट बनवाए गए। दूसरी टीम सड़क मार्ग से दिल्ली और फिर गाजियाबाद भेजी गई। पूरा ऑपरेशन गोपनीय रखा गया। यहां तक कि दो टीमों में रवाना किए गए किसी भी पुलिस अफसर या कर्मचारी को पता नहीं था कि उन्हें करना क्या है।

उन्होंने बताया कि सीडी को वायरल होने के पहले जब्त करने का ऑपरेशन बेहद गोपनीय था। खबर कहीं से भी लीक होने पर पूरा ऑपरेशन फेल होने का खतरा था। इसलिए पुलिस वालों के फोन या तो ऑफ करवा दिए गए थे या कह दिया गया था कि उनके फोन सर्विलांस पर हैं। उन्हें परिवार के सदस्यों के अलावा किसी का भी कॉल रिसीव न करने की सख्त हिदायत दी गई थी।

आईजी ने कहा कि अफसरों को अंदेशा था कि अगर बात खुली तो पूरी योजना फेल हो सकती है। सीडी मामले में सीबीआई में एफआईआर से पहले की जांच पूरी करने के लिए रायपुर पुलिस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) बना दी है। यह टीम मामले के तकनीकी पहलुओं से लेकर आरोपियों तक की तलाश करेगी।

एसआईटी ने जांच शुरू करते हुए सिविल लाइंस थाने में दर्ज केस के आधार पर नेताओं की इस मामले में भूमिका और उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं। इस मामले में भिलाई के एक फर्नीचर कारोबारी समेत 5 और लोगों के नाम आ गए हैं, जिनकी पड़ताल चल रही है।

पुलिस अफसरों ने कहा कि विनोद वर्मा ने पूछताछ में पुलिस से लेकर अपने वकील तक को यही बताया है कि गिरफ्तारी से तीन दिन पहले एक व्यक्ति यह वीडियो लेकर आया था। वर्मा ने वीडियो कॉपी करके अपने पेन ड्राइव में रख ली थी।

उन्होंने आगे कहा कि उनके पास कोई सीडी नहीं थी, और वीडियो देख नहीं पाए हैं। पुलिस अब तक यह पता नहीं कर पाई है कि वर्मा के पास वीडियो कौन लेकर पहुंचा था और उसे किसने दिया था?

23 अक्टूबर को जब दिल्ली से पहला इनपुट मिला, तभी यहां हाईटेक जांच शुरू कर दी गई थी। दिल्ली से आने वाले फोन कॉल की जांच की गई। ये छानबीन की गई कि कौन से नंबर से अचानक कॉल बढ़ गई है। किसके नंबरों पर कितने कॉल आ रहे हैं, और कितनी देर तक बातें हो रही हैं।

सूत्रों के अनुसार इनसे उन लोगों का क्लू मिला, जो सीडी बनवाना चाह रहे थे। आने वाले दिनों में एक-दो गिरफ्तारियां और होंगी, जिनके बारे में भी क्लू उसी जांच से मिला है।