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लोकपाल के खिलाफ काम कर रहा है बीजेपी-कांग्रेस गठबंधन : आप - Sabguru News
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लोकपाल के खिलाफ काम कर रहा है बीजेपी-कांग्रेस गठबंधन : आप

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लोकपाल के खिलाफ काम कर रहा है बीजेपी-कांग्रेस गठबंधन : आप
lokpal bill debate : strange alliance of BJP-Congress is working against lokpal : aap
lokpal bill debate : strange alliance of BJP-Congress is working against lokpal : aap
lokpal bill debate : strange alliance of BJP-Congress is working against lokpal : aap

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक गठबंधन है और यह गठबंधन  नहीं चाहता है कि दिल्ली में एक महत्वपूर्ण सुधार हो I

इसलिए वह सरकार द्वारा लाए जा रहे जनलोकपाल बिल के जरिए होने वाले सुधार को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। आप के मुताबिक आप पार्टी के पूर्व सदस्य और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण भी इस गठबंधन से मिले हुए हैं।

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष ने गुरूवार सुबह ट्विट करके कहा कि यह तो तय है कि बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ही दिल्‍ली में लोकपाल नहीं चाहते। हालांकि, इससे बड़ा सवाल यह भी है कि आप पार्टी के पुराने दोस्‍त उनकी मदद क्‍यों कर रहे हैं? दिल्‍ली लोकपाल का विरोध करके कहीं प्रशांत भूषण, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रियों को बचाना तो नहीं चाहते?

ट्विटर के अलावा आशुतोष ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि लोकपाल बिल पर एक बार फिर कड़वी बहस शुरू हो गई है। विपक्ष डरा हुआ है। विपक्ष के मन में इसे लेकर बेचैनी है। गत विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने वादा किया था कि लोकपाल बिल लाएगी। बिल अब दिल्‍ली विधानसभा में पेश हो चुका है।

विपक्ष जानता है कि वह इसे रोकने की हालत में नहीं है। इसलिए वह लोगों के बीच गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। दुर्भाग्‍य की बात यह है कि कभी पार्टी के साथ रहने वाले लोग ऐसी कोशिश करने वालों की मदद कर रहे हैं। शायद वह ऐसा राजनीतिक एकांतवास खत्‍म करने के लिए कर रहे हैं।

आशुतोष के मुताबिक प्रशांत भूषण की दलील का केंद्रबिंदु है कि दिल्‍ली लोकपाल को केंद्रीय मंत्रियों और कर्मचारियों के भ्रष्‍टाचार की जांच नहीं करनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि वह ऐसा क्‍यों कह रहे हैं?

उन्होंने सवाल किया कि अगर केंद्रीय मंत्रियों के भ्रष्‍टाचार से जुड़े मामलों की जांच करना एसीबी के लिए कानूनी और नैतिक तौर पर सही है तो यही शक्‍त‍ियां दिल्‍ली के लोकपाल को क्‍यों नहीं मिलनी चाहिए? आशुतोष ने दावा किया है कि भूषण का मोदी सरकार की तरफ एक खास झुकाव है I

अपने ब्लॉग में आशुतोष ने आरोप लगाया है कि बीजेपी और कांग्रेस, दोनों के पास लोकपाल पर कुछ कहने का नैतिक अधिकार नहीं है। दोनों ने मिलकर 2014 में दिल्‍ली विधानसभा में लोकपा‍ल बिल को पारित नहीं होने दिया था। यह वही कांग्रेस है, जिसने अन्‍ना हजारे के 2011 में हुए आंदोलन के दौरान संसद में किए गए अपने वादे की इज्‍जत नहीं की।

केंद्र में उन्हीं प्रधानमंत्री मोदी की सरकार हैं, जिन्‍होंने सत्‍ता में आने के 18 महीने बाद भी लोकपाल नियुक्‍त न‍हीं किया। यह वही राजनीतिक वर्ग है, जिसने 1966 से अब तक 9 बार संसद में लोकपाल से जुड़ा बिल पेश होने के बावजूद इसे कानून का रुप लेने नहीं दिया और अब यह सब मिलकर राज्य सरकार द्वारा लाए जा रहे जनलोकपाल के खिलाफ खड़े हो गए हैं I

उधर लोकपाल बिल पर आम आदमी पार्टी की दिल्ली इकाई के संयोजक दिलीप पांडे ने अपने एक बयान में दावा किया है कि भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ एक मजबूत जनलोकपाल बिल अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार साकार करने की दहलीज़ पर खड़ा है और यह वही जनलोकपाल बिल है, जिसके लिए हजारों लोग रामलीला मैदान और जंतर-मंतर पर इकठ्ठा हुए थे।