Home Sports Cricket सुप्रीमकोर्ट ने BCCI से संविधान के मसौदे के लिए मांगे सुझाव

सुप्रीमकोर्ट ने BCCI से संविधान के मसौदे के लिए मांगे सुझाव

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सुप्रीमकोर्ट ने BCCI से संविधान के मसौदे के लिए मांगे सुझाव
Supreme Court asks BCCI, affiliates for suggestions on draft constitution
Supreme Court asks BCCI, affiliates for suggestions on draft constitution
Supreme Court asks BCCI, affiliates for suggestions on draft constitution

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और उसके संबंद्ध सदस्यों से प्रशासकों की समिति द्वारा तैयार किए जाने वाले बोर्ड के नए संविधान के मसौदे को लेकर सुझाव मांगे। सीओए की अध्यक्षता पूर्व सीएजी विनोद राय कर रहे हैं। सीओए को अदालत ने बीसीसीआई का कामकाज देखने के लिए नियुक्त किया है।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश ए.एम.खानविलकर और न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने संविधान के मसौदे पर अपने सुझाव देने के लिए बीसीसीआई और उसके संबंद्ध सदस्यों को तीन सप्ताह का समय दिया है।

शीर्ष अदालत ने 23 अगस्त को सीओए से लोढ़ा समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए बीसीसीआई के नए संविधान का मसौदा तैयार करने को कहा था। अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि संविधान के मसौदे के लिए उसके 18 जुलाई 2016 और 24 जुलाई 2017 के फैसले को आधार बनाया जाए जिसमें उसने एक राज्य एक वोट, चयनसमिति के सदस्यों की तादाद और रेलवे, सर्विसेज, एयूआई जैसे सहयोगी सदस्यों के ओहदे के फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा था।

अदालत ने कहा है कि बीसीसीआई और उसके संबंद्ध सदस्यों के सुझाव मिलने के बाद सीओए अपनी रिपोर्ट अदालत के सामने पेश करेगा।

बीसीसीआई लोढ़ा समिति की एक राज्य एक वोट, अधिकारियों की आयु सीमा 70 तक सीमित करने, एक अधिकारी के दो कार्यकाल के बीच में दो साल का अंतराल, सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों को बीसीसीआई में पद न देना और चयन समिति की तादाद को सीमित करने का विरोध कर रही है।

इसके अलावा वह रेलवे, सर्विसेज और भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एयूआई) के वोटिंग अधिकार खत्म करने और उनका ओहदा सहयोगी सदस्य तक सीमित करने की सिफारिशों का भी विरोध कर रही है।

अदालत ने कहा है कि चूंकि संविधान के मसौदे पर फैसला अदालत को लेना है इसलिए बीसीसीआई को आम बैठक बुलाने की जरूरत नहीं है।

अदालत ने सुनवाई के दौरान बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सी.के. खन्ना, कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को आड़े हाथों लिया। अदालत ने इन सभी से साफ लहजे में कहा है कि ये लोढ़ा समिति की सिफारिशों का लागू करने में सहोयग करें अन्याथ इसके परिणाम इनको भुगतने होंगे।

अदालत ने 23 अगस्त को हुई सुनवाई में इनसे पूछा था कि लोढ़ा समिति की सिफारिशें अभी तक लागू क्यों नहीं हो पाईं? इस मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होनी है। अदालत ने खन्ना, अमिताभ और अनिरुद्ध से अगली सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहने को कहा है।