नई दिल्ली। संकट में फंसे प्रवासी भारतीयों की मदद के लिए आगे आने वाली विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक बार फिर अपनी सक्रियता के जरिए एक बेटे को उसके पिता से मिलाने की पहल कर विदेश मंत्रालय की संवेदनशीलता का ताज़ा उदाहरण पेश किया है।
सुषमा स्वराज ने रविवार को एक व्यक्ति की मदद करने का वादा किया जिसने ट्वीट कर कुवैत से अपने पिता की स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने में उनसे हस्तक्षेप करने की अपील की।
व्यक्ति ने कहा कि पिछले 8 वर्षों से कुवैत की एक अदालत के आदेश के चलते उनके पिता देश वापस नहीं लौट सके हैं। इसके जवाब में सुषमा ने व्यक्ति की मदद का आश्वासन दिया।
सुषमा ने ट्वीट किया कि मैं कुवैत में अपने भारतीय राजदूत से इस मामले को वहां की सरकार के उच्चतम स्तर पर उठाने के लिए कह रही हूं।
उनकी प्रतिक्रिया शरद कोहली के ट्वीट पर आई, मई 2008 से उनके को पिता अपनी इच्छा के बिना कुवैत में रहना पड़ रहा है। कुवैत की अदालत के आदेश में उन्हे देश छोड़ कर जाने पर रोक लगाई गई है।