Home Breaking कोच पद के लिए 2-लाइन बायोडाटा से सहवाग का इनकार

कोच पद के लिए 2-लाइन बायोडाटा से सहवाग का इनकार

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कोच पद के लिए 2-लाइन बायोडाटा से सहवाग का इनकार
Two line resume? Wouldn't just my name be good enough, asks virender Sehwag
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नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने शनिवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को टीम के मुख्य कोच पद के लिए दो-लाइन का बायोडाटा भेजने वाली खबर से इनकार किया है। सहवाग ने अपने चिर परिचित अंदाज में इसका खंडन किया।

यूसीवेब-वी मीडिया ने सहवाग के हवाले से लिखा है कि मीडिया के मध्यम से मैं वो दो-लाइन का बायोडाटा देखना चाहूंगा। अगर मुझे दो-लाइन का बायोडाटा भेजना ही होता तो मेरा नाम ही काफी था।

कुछ दिनों पहले बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया था कि सहवाग ने कोच पद के लिए दो-लाइन का बायोडाटा भेजा है। इसके बाद उन्हें दोबारा अपना पूरा बायोडाटा भेजने को कहा गया है।

उनके बायोडाटा में सिर्फ इस बात का जिक्र है कि वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम किंग्स इलेवन पंजाब के मेंटॉर रह चुके हैं और मौजूदा भारतीय टीम के खिलाड़ियों के साथ खेल चुके हैं।

सहवाग ने रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत को जीत का प्रबल दावेदार बताया है।

पाकिस्तान के खिलाफ अपने दिनों को याद करते हुए सहवाग ने कहा कि उन्हें पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर की पिटाई करने में मजा आता था।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसी टीम थी जिसके खिलाफ मुझे बाउंड्री मारने में मजा आता था। खासकर अख्तर पर जो 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद डालते थे।

सहवाग हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ से ट्विटर पर भिड़ गए थे। सहवाग ने इसी टूर्नामेंट के पहले मैच में पाकिस्तान को हराने के बाद भारतीय टीम को बधाई दी थी।

सहवाग के उस ट्वीट से लतीफ खफा हो गए थे और उन्होंने सहवाग के खिलाफ एक वीडियो पोस्ट किया था। सहवाग ने हालांकि इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

उन्होंने कहा कि इससे राशिद लतीफ के चरित्र का पता चलता है। मैंने अभी तक वो वीडियो नहीं देखा है और न ही मैं देखना चाहता हूं। मैंने जो कहा वह अच्छी भावना से कहा और मजाक की तरह लेना चाहिए।

सहवाग से जब पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर के बीच में तुलना करने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि सौरव ने मुझे धैर्य रखना सिखाया और वो मेरे पसंदीदा कप्तान हैं।

सचिन के बारे में सहावग ने कहा कि दूसरी तरफ, सचिन ने मुझे आत्मविश्वास दिया। मेरे अंधविश्वास को तोड़ा। उनके साथ खेलना ऐसा था, मानो दीवार के साथ खेल रहे हों। आप बिना किसी दबाव के खेल सकते हो और खुलकर बाउंड्री लगा सकते हो।