Home India City News राजनीति भले अलग हो पर शिक्षा नीति एक हो : स्मृति ईरानी

राजनीति भले अलग हो पर शिक्षा नीति एक हो : स्मृति ईरानी

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राजनीति भले अलग हो पर शिक्षा नीति एक हो : स्मृति ईरानी
union minister smriti irani meeting in lucknow RML Law university
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लखनऊ। केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने नई शिक्षा नीति को लेकर सोमवार को राजधानी के राममनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में सेन्ट्रल जोन की बैठक का आयोजन किया।

इस दौरान ईरानी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड , मध्यप्रदेश व छत्तीस गढ़ से आए सुझावों को केंद्रीय मंत्री ने स्लाइड प्रेजेंटेशन के द्वारा देखा और एक डिजिटल शिक्षा नीति को फ्रेम करने पर बल दिया।
इस मौके पर ईरानी ने कहा कि राजनीति सबकी अलग अलग है लेकिन व्यापक शिक्षा नीति बनाने के लिए हम सब एक हुए हैं। हमारा सम्मिलित प्रयास है कि देश भर में एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत राष्ट्रहित में शिक्षा नीति पर चर्चा हो और एक अच्छी शिक्षा नीति बनायी जाए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि शिक्षा के माध्यम से स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान दिया जाए और नैतिक शिक्षा पर भी ध्यान दिया जाए।इस दिशा में भी काम किया जा रहा है।
उन्होने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति बनाने के लिए कई राज्यों के शिक्षामंत्री और अधिकारियों के साथ बैठक कर रही हैं और उनके सुझावों पर चर्चा करने के साथ ही सबके सहयोग से एक शिक्षा नीति बनाने के लिए प्रयासरत हैं। इसी क्रम में वह पहले दौर की वार्ता के दौरान बिहार, झारखंड,उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के साथ चर्चा कर चुकी हैं।

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षामंत्री राम गोविंद चैधरी ने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि शिक्षा का उद्देश्य समझा जाये।हर केंद्र सरकार अपनी नई नीति बनाती है लेकिन नीति ऐसी बननी चाहिए कि क्लास एक से 10 तक समान, अनिवार्य और सरकारी शिक्षा की व्यवस्था हो।

शिक्षा की प्रकृति रोजगार परक और व्यवसायिक हो। इसके साथ ही स्कूलों में बच्चों की काउंसिलिंग करके जिस क्षेत्र में बच्चे की रुचि हो उसे उसी क्षेत्र में आगे बढ़ाने की व्यवस्था हो।
उत्तराखंड की स्लाइड प्रेजेंटेशन में इस बात पर फोकस किया गया कि क्लास 1 से 3 तक केवल दो भाषाऐं पढ़ाई जाए और इसके बाद ही किसी तीसरी भाषा को पाठ्यक्रम में जोड़ा जाए। इसके साथ ही बेसिक एजूकेशन में प्रापर हयूमन रिसोर्स और फेल न करने की पालिसी को समाप्त करने पर भी चर्चा की गयी।

उत्तराखंड के पर्वतीय राज्यों में स्कूलों में मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के फेल होने का मामला भी सामने आया।

केंद्रीय एच आर डी मिनिस्टर स्मृति ईरानी को प्रेजेंटेशन के माध्यम से उत्तराखंड के डीजी स्कूल एजूकेशन डी सेंन्थिल पांडयन ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत स्कूलों में शौचालय तो बनवा दिए गए लेेकिन जल स्त्रोत दूर होने के कारण पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। इसलिए इन स्कूलों में रेन वाटर हारवेस्टिंग यूनिट बनाने के लिए बजट दिया जाए।
सेंट्रल जोन की बैठक में ई बुक्स का मुद्दा भी जमकर गूँजा और प्रेजेंटेशन के बाद चर्चा में केंद्रीय एच आरडी मिनिस्टर ने बच्चों तक ई बुक्स की सुविधा देने पर बात की और मौजूद चार राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और सचिवों के सुझावा लिए।
बैठक में उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चैधरी, माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली, छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश, बेसिक शिक्षा मंत्री केदार कश्यप, उच्च शिक्षा सचिव विनय ओबेराय,बेसिक शिक्षा सचिव एसपी कुटिया, मध्य प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री दीपक जोशी,उत्तराखंड के डीजी स्कूल एजूकेशन डी सेंन्थिल पांडयन समेत चारों राज्यों के कई अधिकारी मौजूद रहे।