Home UP Allahabad नए सिरे से घोषित हो पीसीएस प्री परीक्षा 2016 परिणाम : इलाहाबाद हाईकोर्ट

नए सिरे से घोषित हो पीसीएस प्री परीक्षा 2016 परिणाम : इलाहाबाद हाईकोर्ट

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नए सिरे से घोषित हो पीसीएस प्री परीक्षा 2016 परिणाम : इलाहाबाद हाईकोर्ट
UPPSC UPPCS pre exam 2016 result Amended : Allahabad High Court
UPPSC UPPCS pre exam 2016 result Amended : Allahabad High Court
UPPSC UPPCS pre exam 2016 result Amended : Allahabad High Court

इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग इलाहाबाद की परीक्षाओं की शुचिता को आड़े हाथों लेते हुए पीसीएस प्री परीक्षा 2016 में गलत उत्तर विकल्पों वाले प्रश्न 25, 66, व 92 को हटाकर प्रश्न 44 में विकल्प बी व सी भरने वाले अभ्यर्थियों को पूरा अंक देते हुए नए सिरे से परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा है कि पुनर्मूल्यांकन में सफल घोषित अभ्यर्थियों की यथाशीघ्र मुख्य परीक्षा कराई जाए। कोर्ट ने कहा है कि यदि मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित न हुआ हो तो परिणाम तब तक घोषित न किया जाए जब तक पुनर्मूल्यांकन में घोषित परिणाम में सफल अभ्यर्थियों की मुख्य परीक्षा न करा ली जाए।

यदि मुख्य परीक्षा परिणाम घोषित हो चुका हो तो परिणाम के आधार पर कोई कार्यवाही तब तक न की जाए जब तक प्री परीक्षा के पुनर्मूल्यांकन में सफल अभ्यर्थियों की मुख्य परीक्षा का परिणाम भी घोषित न हो जाए।

प्री के नए सिरे से घोषित परिणाम में यदि पूर्व में ली गई मुख्य परीक्षा में सफल अभ्यर्थी असफल घोषित हो गए हो तो उन्हें चयन सूची से बाहर कर दिया जाए। इसके बाद दोनों घोषित परिणामों के सफल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लेकर अन्तिम चयन सूची तैयार की जाए।

यह आदेश न्यायाधीश दिलीप गुप्ता तथा न्यायाधीश मनोज गुप्ता की खण्डपीठ ने सुनील कुमार सिंह व 61 अन्य सहित दर्जनों याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिया है।

कोर्ट ने प्री परीक्षा में सवालों के गलत उत्तर विकल्प मामले में आयोग को भविष्य में अतिरिक्त सावधाानी बरतने का निर्देश दिया है तथा पेपर सेटर व परीक्षकों का मानदेय बढ़ाने को कहा है ताकि योग्य पैनल से सावधानीपूर्वक प्रश्नोत्तर विकल्पों का निर्धारण हो सके। गलत प्रश्नों को लेकर विवाद न उत्पन्न हो सके।

याचियों ने कई सवालों के उत्तर विकल्प सही न होने को लेकर प्री परिणाम की वैधता को चुनौती दी थी। कोर्ट ने गलत प्रश्नों की आयोग से पुनः जांच कर रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट पर संतुष्ट न होने पर कोर्ट ने याची व आयोग के अधिवक्ताओं से विशेषज्ञों के नाम मांगे तथा कोर्ट ने विशेषज्ञ टीम गठित कर प्रश्नों की जांच रिपोर्ट देखी।

कोर्ट ने प्रत्येक प्रश्नोत्तर के बारे में लम्बी बहस के बाद विचार किया गया तथा तीन सवाल गलत पाए। कोर्ट ने अब आयोग को स्थिति में सुधार लाने तथा फुलप्रूफ परीक्षा आयोजित करने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की नसीहत दी है।

कोर्ट ने कहा कि आयोग का गठन संविधान अनुच्छेद 315 के तहत किया गया है। लोग कड़ी मेहनत कर परीक्षा में बैठते हैं। गलत प्रश्नोत्तर की वजह से प्रतियोगियों के भाग्य प्रभावित हो रहे हैं। अभ्यर्थी को एक प्रश्न के लिए 48 सेकेण्ड का समय मिलता है।

गलत प्रश्नों की वजह से वे सही प्रश्नोत्तरी तक नही पहुंच पाते। कोर्ट ने कहा है कि परीक्षा नियंत्रक योग्य लोगों का पैनल प्रश्नों के निर्धारण के लिए करे। विशेषज्ञों की यह सूची हर तीन साल पर पुनरीक्षित की जाए। ऐसे उपाय हों जिससे भविष्य में गलतियां न हों।