Home Breaking ट्रेन हादसा : रेलवे के 4 अधिकारी निलंबित, छुट्टी पर भेजे गए महाप्रबंधक

ट्रेन हादसा : रेलवे के 4 अधिकारी निलंबित, छुट्टी पर भेजे गए महाप्रबंधक

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ट्रेन हादसा : रेलवे के 4 अधिकारी निलंबित, छुट्टी पर भेजे गए महाप्रबंधक
Utkal Express derailment : 4 officials suspended, General Manager sent on leave
Utkal Express derailment : 4 officials suspended, General Manager sent on leave
Utkal Express derailment : 4 officials suspended, General Manager sent on leave

नई दिल्ली। कलिंग उत्कल एक्सप्रेस हादसे के बाद सरकार ने रविवार को रेलवे के चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक को छुट्टी पर भेज दिया।

रेल मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि प्रथम दृष्ट्या सबूतों के आधार पर एक जूनियर इंजीनियर और एक वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर को स्थायी तौर पर और एक सहायक इंजीनियर तथा एक सीनियर डिवीजन इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है।

वक्तव्य में कहा गया है कि उत्तर रेलवे के मुख्य ट्रैक इंजीनियर का भी स्थानांतरण कर दिया गया है, जबकि दिल्ली के डिविजनल रेल मैनेजर और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक को छुट्टी पर भेज दिया गया है।

अधिकारियों ने रेल हादसे में लापरवाही का संकेत दिया

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में शनिवार को हुए रेल हादसे में मारे गए लोगों की संख्या में विरोधाभास के बीच रविवार को अधिकारियों ने अज्ञात लोगों के खिलाफ लापरवाही के कारण मौतों व नुकसान की एक आपराधिक शिकायत दर्ज की व जांच शुरू की।

रेलवे बोर्ड के मोहम्मद जमशेद ने मीडिया से नई दिल्ली में कहा कि मुजफ्फरनगर जिले के खतौली में कलिंग उत्कल एक्सप्रेस में हुए हादसे में 20 लोगों के जान गई है और 92 लोग घायल हैं। इनमें से 22 लोगों की हालत गंभीर है।

हालांकि, उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने कहा कि मरने वालों की संख्या 21 से 24 के बीच है और उन्होंने राहत कार्य के समाप्त होने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि हादसे में 156 लोग घायल हुए हैं। घायलों का मुजफ्फरनगर व मेरठ के अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने नई दिल्ली में कहा कि उन्होंने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को रविवार शाम तक प्रथमदृष्यता साक्ष्य के आधार पर जिम्मेदारी तय करने को कहा है। प्रभु ने ट्वीट किया कि बोर्ड द्वारा संचालन में ढिलाई की अनुमति नहीं दी जाएगी।

जमशेद ने कहा कि रेलवे हादसे की सभी कोणों से जांच कर रही है और रेलवे पुलिस द्वारा प्रासंगिक धाराओं में रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने व विनाश करने, शरारत व लापरवाही के कारण मौत, गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाने व सुरक्षा की अनदेखी कर लोगों को घायल करने का मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने स्वीकार किया कि हादसे की जगह पर कुछ मरम्मत कार्य जारी था और सुरक्षा अधिकारी संभव गड़बड़ी की जांच करेंगे और यह भी देखेंगे कि ‘क्या मरम्मत कार्य के दौरान सभी तरह की सावधानियां’ बरती गईं थीं।

उन्होंने कहा कि हादसे के स्थल पर कुछ ट्रैक मरम्मत उपकरण (स्पष्ट रूप से मरम्मतकर्ताओं द्वारा छोड़े गए) पाए गए हैं। सभी चीजों की जांच की जाएगी। फॉरेंसिक मदद ली जाएगी।

एक रेलवे अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने के आग्रह पर कहा कि प्रथमदृष्टतया लापरवाही हादसे का कारण नजर आती है। कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस शनिवार को ओडिशा के पुरी से उत्तराखंड के हरिद्वार जा रही थी, जब उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली में इसके कोच पटरी से उतर गए। घटना इतनी भयावह थी कुछ पटरी से उतरे कोच एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए।

सोशल मीडिया पर रविवार को तेजी से फैली दो रेलवे कर्मचारियों की टेलीफोन पर हुई बातचीत में ट्रेन दुर्घटना में लापरवाही के संकेत मिले हैं।

करीब 15 मिनट के इस ऑडियो क्लिप की स्वतंत्र रूप से जांच नहीं की जा सकी है। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि वे इसे देख रहे हैं।

दुर्घटना स्थल के पास एक क्रासिंग पर तैनात एक व्यक्ति इस ऑडियो क्लिप में कह रहा कि ट्रैक के रखरखाव वाले स्थान पर जहां कार्य चल रहा था, वहां ‘खराब गश्त’ की व्यवस्था थी, यह दुर्घटना के कारणों में से एक वजह है।

इस क्लिप में रेलवे कर्मचारी को स्पष्ट रूप से यह कहते सुना जा रहा है कि रेलवे ट्रैक के एक भाग पर वेल्डिंग का काम चल रहा था.. लेकिन मजदूरों ने ट्रैक के टुकड़े को जोड़ा नहीं और इसे ढीला छोड़ दिया। क्रासिंग के पास गेट बंद था। ट्रैक का एक टुकड़ा लगाया नहीं जा सका था और जब उत्कल एक्सप्रेस पहुंची तो इसके 14 कोच पटरी से उतर गए।

ऑडियो क्लिप में उसे यह कहते सुना जा रहा है कि जिस लाइन पर काम चल रहा था, न तो उसे ठीक किया गया और न ही कोई झंडा या साइनबोर्ड (रोकने के संकेत के तौर पर) लगाया गया। यह दुर्घटना लापरवाही की वजह से हुई। ऐसा लगता है कि सभी (संबंधित कर्मचारी) निलंबित होंगे।

इस पर दूसरे ने जवाब दिया दिया कि जूनियर इंजीनियर व दूसरे अधिकारियों सहित सभी के खिलाफ कार्रवाई की संभावना है।

दोनों एक दूसरे से यह भी बताते हैं कि मजदूरों ने अपना काम समाप्त करने के बाद कुछ उपकरण ट्रैक के बीच में छोड़ दिया था। कम से कम वे मशीन को हटा सकते थे और एक लाल झंडा वहां लगा सकते थे, जिससे शायद हादसा टल सकता था।

रेलवे के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने कहा है कि घटना में आतंकवादी कोण से इनकार नहीं किया जा सकता है।

रेलवे के कर्मचारी पटरी से उतरे कोचों को हटाने में व क्षतिग्रस्त ट्रैक की मरम्मत में लगे है, इस रूट की सभी ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है। रविवार देर रात तक ट्रैक पर ट्रेन सेवा के संचालन के बहाल होने की उम्मीद है।

गृह विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि 90 एंबुलेंस व राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की चार टीमें राहत कार्य में रात से लगी थीं, लेकिन मृत लोगों के बहुत सारे संबंधियों ने अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस की कमी की शिकायत की।