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राय ने अदालत में शपथ पत्र पेश करके आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले महीने उनसे मुलाकात के दौरान पेशकश की कि अगर वह व्यापमं और डी मैट घोटालों के संबंध में उनके और उनके परिवार के खिलाफ अपना अभियान बंद कर देते हैं, तो उनका राय और उनकी पत्नी का तबादला आदेश निस्स्त कर दोनों को फिर से इंदौर में पदस्थ कर दिया जाएगा।
न्यायाधीश पीके जायसवाल और न्यायाधीश डीके पालीवाल के सामने राय के वकील आनंदमोहन माथुर ने यह शपथ पत्र उस समय पेश किया, जब युगलपीठ राय और उनकी पत्नी गौरी का तबादला धार जिले में किए जाने के खिलाफ दायर इस दम्पति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह दम्पति प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग में बतौर चिकित्सा अधिकारी पदस्थ हैं।
अतिरिक्त महाधिवक्ता सुनील जैन ने राय की ओर से पेश शपथपत्र का जवाब देने के लिये अदालत से वक्त मांगा। इस पर युगल पीठ ने प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि राय के शपथ पत्र के जवाब में सात दिन के भीतर हलफनामा पेश किया जाए।
राय ने अपने हलफनामे में कहा कि मुख्यमंत्री ने मुझे मेरे एक दोस्त के जरिये 11 अगस्त को भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित अपने सरकारी निवास बुलाया था।
रात 9:45 बजे शुरू होकर रात 10:50 बजे तक चली इस मुलाकात में मुख्यमंत्री ने मेरे सामने पेशकश की थी कि अगर मैं व्यापमं और डी मैट घोटालों के संबंध में उनके और उनके परिवार के खिलाफ अपना अभियान बंद कर देता हूं, तो मेरा और मेरी पत्नी का तबादला आदेश निस्स्त कर दिया जाएगा और हमें फिर से इंदौर में पदस्थ कर दिया जाएगा।