Home Astrology घर के लिए कौन सा कलर है शुभ जिससे होगी सुख समृद्धि की प्राप्ति

घर के लिए कौन सा कलर है शुभ जिससे होगी सुख समृद्धि की प्राप्ति

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घर के लिए कौन सा कलर है शुभ जिससे होगी सुख समृद्धि की प्राप्ति
Which color is the home for the house, which will bring happiness to prosperity

Which color is the home for the house, which will bring happiness to prosperity

Which color is the home for the house, which will bring happiness to prosperity

यूं तो घर और कमरों में रंग सभी करवाते हैं। पर कभी आप ने सोचा है कि रंगों का क्या प्रभाव पड़ता हैं। वास्तु के अनुसार घर का रंग होने से सुख समृद्धि आती है। घर का रंग हमारे अंतर्मन और विचारों को निश्चित रूप से प्रभावित करता है।

जिस प्रकार घर बनाने में पांच तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि,वायु और आकाश का समावेश होता है उसी प्रकार जिस शरीर को हम सब धारण किए हुए है। वह भी पंचतत्त्व से निर्मित है।

यही कारण है की यदि घर में वास्तु दोष होता है तब उस घर में रहने वाले घर के स्वामी और सदस्यों के ऊपर विपरीत प्रभाव होता है और अनेक प्रकार के कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आप आज हम इसकी जानकारी देंगे की रंगों का हमारे जीवन में क्या प्रभाव पड़ता हैं। वास्तु के अनुसार घर का रंग होने से सुख समृद्धि आती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रत्येक वस्तु हमें प्रभावित करती है उसी प्रकार घर की दीवारों का रंग भी हमारे अन्तःचेतना, स्वभाव तथा कार्यप्रणाली को पूर्णरूपेण प्रभावित करता है।

Ghar ke andar ka color

सामान्यतः रंग को देखते ही हमारे अंदर रंग के अनुरूप कुछ कुछ होने लगता है जैसे – सफेद रंग को देखते ही मन को शान्ति मिलती है वही लाल रंग को देखकर मन में उतावलापन बढ़ जाता है और यदि लाल रंग का प्रयोग आपने अपने शयन कक्ष किया है तो आपको अपने बीवी से अकारण क्लेश होना स्वाभाविक है।

घर या अपार्टमेंट के इंटीरियर ( आंतरिक सज्जा ) में रंग का सही इस्तेमाल करके अपने व्यक्तिगत तथा पारिवारिक जीवन में आने वाली समस्याओं से शीघ्र ही मुक्ति मिल सकती है।

ghar ke bahar ka color

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की हर वस्तु हमें पूरी तरह प्रभावित करती है। घर की दीवारों का रंग भी हमारे विचारों और कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है। हमारे घर का जैसा रंग होता है, उसी रंग के स्वभाव जैसा हमारा स्वभाव भी हो जाता है।

Which color is the home for the house, which will bring happiness to prosperity
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घर की दीवारों पर वास्तु के अनुसार बताए गए रंग ही रखना चाहिए। (ghar ke bahar ka colour paint)

-भवन में उत्तर का भाग जल तत्व का माना जाता है। इसे धन यानी लक्ष्मी का स्थान भी कहा जाता है। अत: इस स्थान को अत्यंत पवित्र व स्वच्छ रखना चाहिए और इसकी साज-सजा में हरे रंग का प्रयोग किया जाना चाहिए।
-उत्तर-पूर्वी कक्ष, जिसे घर का सबसे पवित्र कक्ष माना जाता है, में सफेद या बैंगनी रंग का प्रयोग करना चाहिए। इसमें अन्य गाढ़े रंगों का प्रयोग कतई न करें।
-उत्तर-पश्चिम कक्ष के लिए सफेद रंग को छोड़कर कोई भी रंग चुन सकते हैं।
-दक्षिण-पूर्वी कक्ष में पीले या नारंगी रंग का प्रयोग करना चाहिए जबकि दक्षिण-पश्चिम कक्ष में भूरे, ऑफ व्हाइट या भूरा या पीला मिश्रित रंग प्रयोग करना चाहिए।
-यदि बेड दक्षिण-पूर्वी दिशा में हो, तो कमरे में हरे रंग का प्रयोग करें।
-अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए आपको अपने कमरे की उत्तरी दीवार पर हरा रंग करवाना चाहिए। आसमानी रंग जल तत्व को इंगित करता है। घर की उत्तरी दीवार को इस रंग से रंगवाना चाहिए।
-घर की खिड़कियां और दरवाजे हमेशा गहरे रंगों से रंगवाएं। बेहतर होगा कि आप इन्हें डार्क ब्राउन रंग से पेंट करवाएं। रंगों का भी रिश्तों पर खासा असर होता है, जहां तक संभव हो घर के अंदर की दीवारों पर हल्के रंगों जैसे हल्का गुलाबी, हल्का नीला, ब्राउनिश ग्रे या ग्रेइश येलो रंग का ही प्रयोग करें। ये रंग शांत, स्थिर और प्यार को बढ़ाने वाले हैं। इनसे व्यवहार में उग्रता नहीं आती।
-जिन लोगों के एक ही घर में दो गृहस्वामी होते हैं, उन्हें अपने घर की भीतरी दीवारों को दो रंगों से पुतवाना चाहिए।
-घर के ड्राइंग रूम, ऑफिस आदि की दीवारों पर यदि आप पीला रंग करवाते हैं तो वास्तु के अनुसार, यह शुभ होता है।
-घर के बाहर की दीवारों को वेदरप्रूफ यानी मौसम से बेअसर रहने वाले रंग से पुतवा सकते हैं। घर के अंदर प्लास्टिक पेंट लगवा सकते हैं।

अतः यदि आप अपने घर में वास्तु शास्त्र के अनुसार निर्धारित रंग का प्रयोग करते है तो अवश्य ही कुछ हद तक आपकी जिन्दंगी में खुशियों का रंग भर जाएगा।

रंग तथा उसके मुख्य गुण vastu ke hisab se ghar ka colour

  1. रंग प्रधान गुण
  2. बैंगनी रज-तम
  3. नीला सत्त्व
  4. पीला सत्त्व
  5. आसमानी सत्त्व
  6. गुलाबी सत्त्व
  7. भगवा सत्त्व-रज
  8. लाल रज
  9. जामुनी तम-रज
  10. भूरा तम
  11. धूसर (ग्रे) तम
  12. काला तम
  13. हरा सत्त्व-रज
    घर का वातावरण ही हमारे मन और विचारों को प्रभावित करता है। जैसा हमारे घर का वातावरण होगा वैसे ही हमारे विचार होंगे। कई घरों में लड़ाई-झगड़े, क्लेश आदि होता है, कई बार इन समस्याओं की वजह वास्तुदोष भी होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की हर वस्तु हमें पूरी तरह प्रभावित करती है। घर की दीवारों का रंग भी हमारे विचारों और कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है। हमारे घर का जैसा रंग होता है, उसी रंग के स्वभाव जैसा हमारा स्वभाव भी हो जाता है। इसी वजह से घर की दीवारों पर वास्तु के अनुसार बताए गए रंग ही रखना चाहिए।
    रंगों का प्रभाव जीवन यात्रा में आने वाले सभी रिश्तों पर पड़ता है चाहे वह पारिवारिक या कार्मिक रिश्ता हो प्रभाव तो अवश्य पड़ेगा इसलिए रंगो का चयन अवश्य ही करना चाहिए। जैसे हरा रंग विकास का सूचक है।
    घर का रंग
Which color is the home for the house, which will bring happiness to prosperity
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बैठक कक्ष : मेहमान का कमरा या स्वागत कक्ष हमारे घर का बहुत ही महत्त्वपूर्ण कमरा होता है यह वह स्थान है जहां घर के सभी सदस्य एक साथ बैठते है तथा अतिथि भी जब घर में आते है तो सबसे पहले इसी कक्ष में उनका स्वागत होता है। अतः ड्राइंग रूम में ऐसे रंगों का प्रयोग करे जो आपके इंटीरियर में चार चांद लगा दे। अपने बैठक कक्ष में सफेद, गुलाबी, पीला, क्रीम या हल्का भूरा रंग तथा हल्का नीला का प्रयोग करना चाहिए।

शयन कक्ष : शयन कक्ष की दीवारों पर गहरे और आँखों को चुभने वाले रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस कक्ष में हल्के तथा वैसे रंग का प्रयोग करे जो आपके मन को शांति व सौम्यता प्रदान करने वाला हो। शयन कक्ष की दीवारों पर आसमानी, हल्का गुलाबी, हल्का हरा तथा क्रीम रंग का प्रयोग करवाना चाहिए।

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भोजन कक्ष : भोजन के कमरा का बहुत ही महत्त्व होता है क्योकि यह वह स्थान होता है जहां पर घर के प्रत्येक सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करते है। भोजन के दौरान कई बार बहुत ही महत्त्वपूर्ण निर्णय भी ले लिया जाता है अतः इस स्थान पर वैसे रंग का प्रयोग किया जाए जो घर के सभी सदस्यों को जोड़ने तथा कोई भी निर्णय लेने में सहायक हो। भोजन के कमरा में हल्का हरा, गुलाबी, आसमानी या पीला रंग शुभ फल देता है।

रसोईघर : वास्तु शास्त्र में दक्षिण पूर्व दिशा जिसे आग्नेय कोण भी कहा जाता है में रसोई घर बनाना चाहिए। इस दिशा का स्वामी ग्रह शुक्र है तथा देवता अग्नि ( आग ) है। अपने रसोईघर में सकारत्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिए हमें शुक्र ग्रह से सम्बन्धित रंग का ही प्रयोग करना चाहिए। रसोईघर के लिए सबसे शुभ रंग सफेद अथवा क्रीम होता है। यदि रसोईघर में वास्तु दोष है तो रसोईघर के आग्नेय कोण में लाल रंग का भी प्रयोग कर सकते है।

अध्ययन कक्ष : अपने घर में पूर्व तथा दक्षिण पश्चिम दिशा अध्ययन कक्ष के लिए सबसे अच्छा होता है। अध्ययन कक्ष के लिए हलके रंग का प्रयोग करना बेहतर होता है। अध्ययन कक्ष के लिए क्रीम कलर, हल्का जामुनी, हल्का हरा या गुलाबी, आसमानी या पीला रंग का प्रयोग करना अच्छा होता है।

स्नानघर एवं शौचालय : स्नानघर एवं शौचालय में सफेद, गुलाबी या हल्का पीला या हल्का आसमानी रंग का प्रयोग करने से मन को शकुन मिलता है।

छतें :  हमारी छतें प्रकाश को परावर्तित कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं इस कारण से इस स्थान पर ऐसे रंग का प्रयोग करना चाहिए जो परावर्तन में सहायक हो। छत के लिए सबसे उपयुक्त रंग है सफेद अथवा क्रीम।

मंदिर कक्ष : हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि पूजा घर के ईशान कोण में बनाया जाय। यह वह स्थान होता है जहां बैठकर हम सब ध्यान और साधना के माध्यम से अपने मन की शांति तथा इच्छाओं की पूर्ति के लिए भगवान से प्रार्थना करते है। इसलिए पूजा घर में ऐसे रंग का प्रयोग करना चाहिए जो हमें एकाग्रता प्रदान करे। पूजा घर में गहरे अथवा विभिन्न प्रकार के अलग-अलग रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योकि वह मन को भ्रमित कर सकता है। शांति और एकाग्रता का प्रतीक सफेद, हल्के नीले या पीले रंग का प्रयोग करना चाहिए। आध्यात्मिक रंग गेरुआ व नारंगी का प्रयोग करना शुभ होगा।

ब्रह्म स्थान :  घर के मध्य भाग में ब्रह्म का निवास स्थान होता है इस स्थान में गहरे या भड़कीले भूरा, लाल, नीला, पीला हरा आदि रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस स्थान पर अन्धेरा नहीं होना चाहिए अतः प्रकाश में वृद्धि करने के लिए सफेद या हल्के रंगों का प्रयोग करना चाहिए।

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