Home Breaking सांचोर विधायक का दिया उदाहरण, कहा देवजी पटेल को क्यों बख्शें?

सांचोर विधायक का दिया उदाहरण, कहा देवजी पटेल को क्यों बख्शें?

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सांचोर विधायक का दिया उदाहरण, कहा देवजी पटेल को क्यों बख्शें?
mp devji patel ji patel addressing meeting in sirohi
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सबगुरु न्यूज-सिरोही। बैठक सिरोही जिले की निगरानी समिति की और नाम सांचौर विधायक के प्रकरण का। जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक में डिस्कॉम के मुद्दे पर चर्चा के दौरान सांसद देवजी पटेल ने खुद की किसान और गरीब हितैषी छवि को प्रदर्शित करते हुए डिस्कॉम अधिकारियों को लोड के मामले में गरीबों के कनेक्शन काटने और भारी जुर्माना लगाने के मुद्दे पर सांचोर विधायक के वर्तमान मामले को उठाया।

पटेल ने कहा कि सांचौर विधायक सक्षम थे तो वह 57 लाख रुपये के डिस्कॉम के बकाये पर भी हाईकोर्ट से स्टे ले आए और उनका कनेक्शन नहीं कटा। वहीं कोई गरीब होता तो डिस्कॉम उन्हें नहीं बख्शती। सांसद ने गलत है तो देवजी पटेल को भी क्यों बख्शा जाए, वाक्य बोलते हुए खुद की पारदर्शिता का समर्थक होने की छवि भी सदन में प्रस्तुत करने का प्रयास किया। साथ ही उन्होंने लोड सेटिंग के मामले में राज्य सरकार को गुजरात की तकनीक अपनाने का प्रस्ताव भी भिजवाने को डिस्कॉम अधिकारियों को कहा।
-गैस पर रार पर कोई नहीं बोला वास्तविकता
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के टारगेट को लेकर भी रार हुई। सांसद सिरोही जिले का टारगेट जालोर से कम होने के लिए डीएसओ से बहस करते रहे, लेकिन न तो डीएसओ और न ही जिला कलक्टर (रसद) लक्ष्मीनारायण मीना उन्हें यह कहकर संतुष्ट करते हुए दिखे कि जालोर की जनसंख्या सिरोही से दो गुना होने से उज्ज्वला योजना के लक्ष्य और उनकी पूर्ति ज्यादा होना स्वाभाविक है।

इस मुद्दे पर लम्बी बहस चली, आंकडे कई बार दोहराए गए। आंकडों के स्रोतों पर भी चर्चा हुई, लेकिन अधिकारियों को यह साधारण जवाब नहीं सूझा कि आखिर जालोर का लक्ष्य सिरोही से ज्यादा उसकी जनसंख्या में अंतर के कारण है।
-दर निर्धारण अधिकारियों से क्यों
बैठक के दौरान सांसद ने प्रधानमंत्री कृषि ऋण योजना को लेकर सांसद ने केन्द्र सरकार की कृषि समिति का सदस्य होने के नाते वहां हुई चर्चा को सदन में रखा। सांसद ने बताया कि केन्द्रीय अधिकारियों ने बताया कि फसलों की दर तय करने के लिए जिला स्तर पर एक समिति होती है, जिसे यह अधिकार होता है कि वह जिले में उगने वाली फसलों की दरें तय करे। इस समिति के बारे में किसी अधिकारी को जानकारी तक नहीं थी।

बाद में कृषि अधिकारी ने यह कहा कि सहकारी बैंकों की एक समिति जरूर होती है जो यह दर निर्धारित करती है। सांसद ने कहा कि यह किसानों के साथ अन्याय है कि उसकी फसल की लागत पच्चीस हजार आ रही है और उसकी दर मात्र दस हजार रुपये निर्धारित की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे में निर्धारित दर पर ही बीमा होता है जिससे किसानों को नुकसान होने पर समुचित मुआवजा नहीं मिलता है और वह आत्महत्या करने को मजबूर होता है। उन्होंने इस मुद्दे को अगले महीने राज्य स्तर पर होने वाली तीन दिवसीय बैठक में उठाने की बात भी कही।

-यह भी हुई चर्चा
बैठक में महात्मा गांधी नरेगा योजना की समीक्षा करते हुये मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद को निर्देशित किया कि गत वर्षो के अपूर्ण पड़े कार्य जो आरंभ होने योग्य नहीं है उन्हें निरस्त करने को कहा। पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता को सुकडी सेलवाडा रोड पर रपट महात्मागॉधी नरेगा योजना में स्वीकृत करने का प्रस्ताव भेजने को कहा। सांसद ने प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना की समीक्षा पर अधीक्षण अभियंता पीडब्ल्यूडी द्वारा गत बैठक की पालना सही तरीके से प्रस्तुत नहीं करने पर रोष जाहिर किया।

बैठक में सांसद ने कृषि, रसद, जल संसाधन, वन, राजस्व, इत्यादि विभागों की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए। जिला कल€टर लक्ष्मी नारायण मीणा व मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशाराम डूडी ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। अतिरिक्त जिला कल€टर जवाहर चौधरी ने सुझाव प्रस्तुत किये। बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चौधरी, उप जिला प्रमुख कानाराम चौधरी, रेवदर प्रधान पूजाराम ,नगरपरिषद के सभापति ताराराम माली, आबूरोड नगरपालिका अध्यक्ष सुरेश सिंदल ने अपने -अपने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराते हुए समाधान की मांग की।