Home Breaking CM योगी आदित्यनाथ अंधविश्वास को दरकिनार कर पहुंचेंगे नोएडा

CM योगी आदित्यनाथ अंधविश्वास को दरकिनार कर पहुंचेंगे नोएडा

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CM योगी आदित्यनाथ अंधविश्वास को दरकिनार कर पहुंचेंगे नोएडा
Will UP CM Yogi Adityanath break the 'Noida jinx'?
Will UP CM Yogi Adityanath break the 'Noida jinx'?
Will UP CM Yogi Adityanath break the ‘Noida jinx’?

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नोएडा जाने को लेकर पिछले कई दशकों से चले आ रहे मिथक को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तोड़ने के मूड में हैं। यूपी में बनी पिछली कई सरकारों के मुख्यमंत्री इस अंधविश्वास की वजह से नोएडा नहीं जाते थे कि वहां जाने से उनकी कुर्सी चली जाएगी लेकिन योगी का कहना है कि वह इस अंधविश्वास को तोड़ने के लिए नोएडा जाएंगे।

योगी 25 दिसंबर को नोएडा जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोएडा के बोटेनिकल गार्डन से दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी तक जाने वाली मेट्रो रेल सेवा का उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस समारोह में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री योगी का कहना है कि वह अशुभ को शुभ करने जाएंगे।

अधिकारियों के मुताबिक हालांकि योगी 23 को नोएडा जाकर वहां 25 दिसंबर के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा भी करेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री हैं जो जानबूझकर राजनीतिक रूप से मनहूस माने जाने वाले नोएडा जाने की हिम्मत कर रहे हैं। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मायावती 2011 में नोएडा गई थीं और 2012 के चुनावों में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।

गौरतलब है कि सियासी गलियारों में नोएडा को लेकर यह अंधविश्वास है कि अगर प्रदेश का कोई मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा का दौरा करता है तो उसको कुर्सी गंवानी पड़ती है। आधुनिक तकनीक के कायल तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पूरे कार्यकाल में नोएडा जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।

इससे पहले उप्र का मुख्यमंत्री रहते हुए हुए वीर बहादुर सिंह ने नोएडा का दौरा किया था जिसके कुछ दिन बाद जून 1988 को उनकी कुर्सी चली गई थी। 1989 में नारायण दत्त तिवारी और 1999 में कल्याण सिंह की कुर्सी भी नोएडा आने के बाद चली गई थी।

इसके बाद 1995 में मुख्यमंत्री रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने नोएडा का दौरा किया पर अगली बार वह सत्ता से बाहर हो गए और 1997 में मायावती के नोएडा आने के बाद ही सत्ता ने उनसे दूरी बना ली। वहीं मायावती दोबारा 2011 में नोएडा आईं और 2012 के चुनाव में वह हार गईं।