Home UP Ayodhya भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या के कायाकल्प की तैयारी

भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या के कायाकल्प की तैयारी

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भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या के कायाकल्प की तैयारी
yogi govt plans Rejuvenation of Ayodhya
yogi govt plans Rejuvenation of Ayodhya
yogi govt plans Rejuvenation of Ayodhya

लखनऊ। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या अब आम नहीं खास होगी। अयोध्या में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हवाईअड्डा, आलीशान होटल एवं अयोध्या रेलवे स्टेशन का कायाकल्प किए जाने की तैयारी है।

इसके अलावा प्रदेश सरकार ने यहां के विकास के लिए अयोध्या- फैजाबाद को नगर निगम बनाने के साथ ही 245 करोड़ रुपये की लागत से यहां पर निर्मित होने वाले रामायण संग्रहालय के भूमि का आवंटन भी कर दिया है।

अयोध्या को अन्य धार्मिक स्थलों की तरह विकसित करने का बीड़ा केंद्र सरकार ने उठाया है। इसके लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने देश के दस शहरों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराने का फैसला लिया है।

इसमें अयोध्या को भी शामिल किया गया है। इसके तहत यहां पर एक हवाईअड्डे के निर्माण के साथ ही एक आलीशन होटल एवं अयोध्या रेलवे स्टेशन को विकसित कर इसे वल्र्ड क्लास स्टेशन बनाया जाएगा।

यहां पर 245 करोड़ की लागत से रामायण संग्रहालय का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने भूमि उपलब्ध करा दी है। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने अयोध्या-फैजाबाद को नगर निगम का दर्जा दे दिया है जबकि इन दोनों ही शहरों की आबादी बमुश्किल ढाई लाख है। इस तरह प्रदेश का यह आबादी के लिहाज से सबसे छोटा नगर निगम होगा।

सरयू तट पर बसे तकरीबन 50 हजार की आबादी वाले अयोध्या के लोग यहां पर राम मंदिर से कहीं अधिक विकास को तरजीह दे रहे हैं। उनका कहना है कि अयोध्या की हालत बहुत ही जीर्णशीर्ण है। पुराने जमाने के मंदिर ढह रहे हैं, उनकी मरम्मत करने वाला कोई नहीं है।

यहां की हनुमान गढ़ी के प्रसाद विक्रेता मनोज पांडेय का कहना है कि राम मंदिर का निर्माण हो, यह अच्छी बात है। लेकिन, इसके लिए दंगा फसाद नहीं होना चाहिए। अमन चैन से ही राम मंदिर का निर्माण होने के साथ ही अयोध्या का विकास हो।

वरिष्ठ अधिवक्ता त्रियुग नारायण तिवारी ने बताया कि सियासी बवाल के कारण अयोध्या का विकास नहीं हुआ। इसी कारण बीते 25 वर्षो में यहां की आबादी में मामूली वृद्धि हुई। अयोध्या का विकास हो, इससे अच्छी क्या बात होगी। इस कार्य में यहां के लोगों को सहयोग करना चाहिए। अयोध्या में करीब 20 हजार मुस्लिम आबादी है, वे भी यहां का विकास चाहते हैं न कि दंगा फसाद।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 31 मई को अयोध्या जा रहे हैं। 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद गिराने के बाद अब तक कोई नेता बतौर मुख्यमंत्री अयोध्या नहीं गया। बीते 25 साल बाद कोई मुख्यमंत्री अयोध्या जा रहा है। बतौर मुख्यमंत्री योगी पहली बार अयोध्या जा रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि योगी यहां की हनुमान गढ़ी का दर्शन करेंगे। इसके बाद राम जन्मभूमि विवादित परिसर का दर्शन करने के बाद सरयू तट पर बनी राम पौढ़ी का भी अवलोकन करेंगे।

योगी के अयोध्या दौरे के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। पहला तो यह कि वह अयोध्या विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। वह वर्तमान में सांसद हैं लेकिन प्रदेश विधानमंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं है।

25 सितंबर तक उन्हें विधायक या एमएलसी बनना है। दूसरा यह है कि राम मंदिर निर्माण को लेकर जो सुगबुगाहट हिंदू संगठनों में चल रही है, उसे जमीन पर उतारने के लिए खाका तैयार कर सकते हैं।