Home India City News सेना भर्ती रैली से लौट रहे युवकों ने फिर उत्पात मचाया

सेना भर्ती रैली से लौट रहे युवकों ने फिर उत्पात मचाया

0
सेना भर्ती रैली से लौट रहे युवकों ने फिर उत्पात मचाया
 youth returning from Army recruiting, sabotage in Bina to Gwalior train
youth returning from Army recruiting, sabotage in Bina to Gwalior train

ग्वालियर। सेना भर्ती रैली  सागर में हो रही है लेकिन परेशानी यात्रियों को ग्वालियर-चंबल के रेलवे स्टेशनों पर बढ़ी है। आरक्षित बर्थ पर सफर करना तो दूर, यात्री ट्रेन में सवार तक नहीं हो पा रहे। महिलाओं और युवतियों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है, उनके कपड़े फाडऩे की घटना भी सामने आ चुकी है।

रेलवे अफसरों का कहना ह कि सेना ने हमें भर्ती की सूचना नहीं दी है। जबकि सेना अधिकारियों का कहना है, हमने जबलपुर जोन, झांसी मंडल और स्टेशनों पर सूचना दी थी। जाहिर है, जिम्मेदारों के बीच तालमेल नहीं है। जबकि एक वर्ष पूर्व सेना भर्ती में आए उत्पाती युवकों की ज्यादती ग्वालियर शहर व ट्रेनों के यात्री भुगत चुके हैं।

रात सेना भर्ती से लौट रहे युवकों ने फिर उत्पात मचाया बीना से ग्वालियर तक युवकों ने ट्रेन में हंगामा किया डबरा से ग्वालियर तक तो जगह-जगह ट्रेन रोकी और खेतों से गन्ने उखाड़े। ट्रेन जब ग्वालियर पहुंची तो शोर-शराबा करते हुए युवक बाहर निकले इस पर पुलिस बल ने लाठियां फटकारीं, और युवकों को भगाया।

सागर में आयोजित सेना भर्ती रैली में शामिल होकर मुरैना के सैकड़ों युवक लौट रहे थे बीना तक यह लोग पैसेंजर से आए बीना से युवक पंजाब मेल में सवार हुए इन लोगों ने जनरल कोच के बाद स्लीपर कोचों पर कब्जा कर लिया कोचों में जबरन सीटों पर बैठे।

ट्रेन रवाना हुई तो रास्ते में कई जगह विवाद की स्थिति बनी विवाद होने पर इन लोगों ने जगह-जगह ट्रेन रोकी ट्रेन डबरा पहुंचने के बाद तो जहां भी इन्हें गन्ने के खेत दिखे, वहां चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकी खेत से गन्ने उखाड़े गन्ने उखाडऩे से ग्रामीणों ने इन्हें रोका तो उनसे उलझ गए। कोटरा में तो ग्रामीणों ने इकठ्ठा होकर युवकों को लाठी के बल पर भगाया।

डबरा से ग्वालियर तक कई बार चैन पुलिंग हुई और ट्रेन ने 40 किलोमीटर का सफर करीब दो घंटे में पूरा किया ट्रेन के आने से पहले ही ग्वालियर स्टेशन के प्लेटफॉर्म-2 पर जीआरपी, आरपीएफ और जिला पुलिस के जवान मौजूद थे। ट्रेन से उतरे नौजवानों ने जब हंगामा किया तो पुलिस ने इन पर लाठियां भांजी। पंजाब मेल के बाद झांसी-बांद्रा एक्सप्रेस में भी युवकों ने स्लीपर कोचों में कब्जा किया और ट्रेन में हंगामा किया। टीटीई ने इन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन युवकों के हंगामे पर काबू नहीं किया जा सका।

ट्रेन में न आरपीएफ न ही जीआरपी
पंजाब मेल में युवकों की इतनी अधिक भीड़ थी, इसके बाद भी ट्रेन में न तो आरपीएफ थी और न जीआरपी। इनके न होने की वजह से युवक रास्ते भर अपनी मनमानी करते रहे। अगर जीआरपी-आरपीएफ ट्रेन में होती तो युवक इतना उत्पात नहीं मचा पाते। बेकाबू हो रहे युवकों पर लगाम लगाने ग्वालियर स्टेशन पर जिला पुलिसकर्मियों को भी बुलाना पड़ा। तब जा कर हालात काबू किए जा सके।

अब बदलाव की जरूरत
अब बेरोजगारी व आबादी दोनों ही अधिक है। सेना में भर्ती का रुझान बढ़ा है। बढ़ी संख्या में युवा भर्ती में शामिल होने आते हैं। उनकी भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा है। इस दौरान उपद्रव की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। ऐसी स्थिति में भर्ती रैली के कॉन्सेप्ट में बदलाव की जरूरत है।