एनजीटी ने अजमेर नगर निगम आयुक्त पर ठोंका 38.70 करोड़ का जुर्माना

अजमेर। राजस्थान में अजमेर के ऐतिहासिक प्राचीन अनासागर झील में प्रदूषण और झील में गिरने वाले गंदे नालों को लेकर दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अजमेर नगर निगम पर 38 करोड़ 70 लाख रुपए का जुर्माना किया है।

स्थानीय बाबूलाल साहू ने इस मामले में एनजीटी भाेपाल में याचिका दायर की थी। एनजीटी भोपाल ने इस मामले को राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (आरएसपीसीबी) को जांच के लिए भेजा। आरएसपीसीबी ने आनासागर झील की जांच के बाद रिपोर्ट एनजीटी को भेजी। इसके बाद एनजीटी ने यह फैसला सुनाया। एनजीटी ने जुर्माना राशि 60 दिन में देने के निर्देश दिए हैं साथ ही यह भी आदेश दिए हैं कि समय पर नहीं देने पर ब्याज भी वसूला जाए।

एनजीटी की ओर से अजमेर में बुधवार को प्राप्त आदेश की जानकारी देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता बाबूलाल साहू ने बताया कि आनासागर झील में लगातार तीन वर्षों तक गिरने वाले नाले के गंदे पानी को लेकर तत्कालीन आयुक्त ने जो जवाब प्रस्तुत किया था। इसके बाद झील का पानी गंभीर रूप से प्रदूषित हो गया। इसका सीधा असर स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य और झील के आसपास के पारिस्थितिकी तंत्र पर भी पड़ा।

आरएसपीसीबी ने प्रति नाला 25 हजार रुपए प्रतिदिन का हिसाब लगाया। कुल 1,191 दिनों की अवधि को ध्यान में रखते हुए यह मुआवजा ‘प्रदूषक भुगतान सिद्धांत’ के तहत निर्धारित किया गया।