दुनिया हथियार से नहीं सच से डरती है : पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ

चित्तौड़गढ़। राष्ट्रीय चिंतक एवं विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि आज दुनिया हथियारों से नहीं बल्कि सच से डरती है इसलिए सच को पूरी ताकत से बोलो।

कुलश्रेष्ठ ने आज यहां आयोजित दो दिवसीय वीर सावरकर साहित्य सम्मेलन के उछ्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए देश की वर्तमान राजनीतिक व सामाजिक परिस्थितियों को आजादी से पूर्व व बाद की घटनाओं से जोड़ते हुए कहा कि सच को पूरी ताकत से बोलना चाहिए क्योंकि आज दुनिया सच सेडरती है और वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री को जनता ने सच के कारण ही चुना है।

उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रवाद पर जमकर हमला बोला और कहा कि सुभाष बो आजादी के आंदोलन के सच को दबाया लेकिन अब सारी सच्चाई बाहर आने लगी है जिससे ये लोग डरे हुए हैं। उन्होंने सावरकर के हिंदूवाद को भी सच बताते हुए कहा कि हिंदूत्व को कोई समाप्त नहीं कर सकता क्योंकि बाकी मजहब कोई 1400 साल पहले जन्मा तो कोई 2000 साल पहले लेकिन हिंदुत्व की कोई तारीख नहीं है ये सनातनी है इसलिए कभी समाप्त नहीं हो सकता लेकिन इस सच को दूसरे जान लें कि जो पैदा हुआ है उसे एक दिन समाप्त होना ही है और यह पैदा होने वाले मजहब पर लागू होता है।

कुलश्रेष्ठ ने पूर्व प्रधानमंत्री जवारिलाल नेहरू एवं लार्ड माउंटबैटन परिवार से संबंधों के बारे में बताते हुए माउंटबेटन की पत्नी के 1962 में मरने पर नेहरू क्षरा शोक अभिव्यक्ति का प्रस्ताव पारित करने को उनकी गुलाम मानसिकता बताने के साथ तत्कालीन जनसंघ सांसदों पर भी हमला बोला और कहा कि जब पण्डित नेहरू ने यह प्रस्ताव रखा तो वहां खुद को हिंदूवादी व राष्ट्रवादी बताने वालों ने मौन धारण कर लिया और सच नहीं बोल पाए। उनका कहना था कि सच को पूरी ताकत से बोलिए, सच पर विवाद कीजिए और चुनौती दीजिए।