भीलवाड़ा में रिश्वत लेते अरेस्ट किए गए डॉ पंकज छीपा ने किए कई खुलासे

भीलवाड़ा। राजस्थान में भीलवाड़ा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कार्रवाई में गिरफ्तार किए गए डॉ पंकज छीपा से पूछताछ के दौरान कई खुलासे हुए हैं। डॉ पंकज को मंगलवार को एसीबी न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।

ब्यूरो के सूत्रों ने बताया कि जांच में सामने आया है कि तिलक नगर स्थित सिद्धिविनायक अस्पताल को आयुष्मान भारत योजना में अनियमितताओं का डर दिखाकर ब्लैकमेल करने का प्रयास किया गया। डॉ पंकज छीपा ने अस्पताल को योजना से बाहर करने और बिल पास नहीं करने की धमकी देकर 14 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। बाद में यह सौदा 11 लाख रुपए में तय हुआ।

अस्पताल प्रबंधन की ओर से प्रबंधक राकेश ने अजमेर एसीबी में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद सोमवार को ब्यूरो के दल ने जाल बिछाकर डॉ पंकज को 11 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ में यह भी सामने आया है कि इस तरीके से भीलवाड़ा के कई निजी अस्पतालों को डराया गया और उनसे लाखों रुपए की वसूली की गई। अस्पताल संचालक बदनामी और आयुष्मान योजना से बाहर होने के डर के कारण शिकायत करने से बचते रहे। जांच में खुलासा हुआ है कि यह वसूली एक चिकित्सक के नाम का सहारा लेकर की जाती थी।

एसीबी सूत्रों के अनुसार इस गिरोह में डॉ पंकज छीपा के साथ दो अन्य चिकित्सकों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि जिले के करीब आधा दर्जन निजी अस्पतालों से इसी तरह डराकर करोड़ों रुपए तक की वसूली की गई। फिलहाल एसीबी डॉ कुलदीप और चिकित्सकों के खिलाफ जांच में जुटी है।