नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता तथा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ-(आरएसएस) को संविधान विरोधी करार देते हुए कहा है कि इस विचारधारा के लोगों का संविधान को लेकर दिये ताजा बयान से मुखौटा एक बार फिर उतर गया है।
गांधी ने सोशल मीडिया फेसबुक पर शुक्रवार को पोस्ट में कहा कि संविधान इन्हें चुभता है क्योंकि वह समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है। आरएसएस-भाजपा को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए। ये बहुजनों और ग़रीबों से उनके अधिकार छीनकर उन्हें दोबारा ग़ुलाम बनाना चाहते हैं। उनसे संविधान जैसा ताक़तवर हथियार छीनना इनका असली एजेंडा है।
उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा के लोग संविधान बदलना चाहते हैं लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी इसलिए उन्हें यह सपना देखना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आरएसएस यह सपना देखना बंद करे-हम उन्हें कभी सफल नहीं होने देंगे। हर देशभक्त भारतीय आख़िरी दम तक संविधान की रक्षा करेगा।
गांधी की यह टिप्पणी आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबोले तथा केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द को हटाने की मांग की है और कहा है कि धर्मनिरपेक्षता हमारी संस्कृति का मूल नहीं है इसलिए संविधान की प्रस्तावना से इस शब्द को हटा देना चाहिए।