कांग्रेस कन्हैयालाल की हत्या पर कर रही है राजनीति : मदन राठौड़

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि जब भाजपा सरकार ईमानदारी से कार्य कर रही है, तो उन्हें अपनी ज़मीन खिसकती दिख रही है और विपक्ष जनता को गुमराह करने के लिए केवल प्रचार एवं भ्रमजाल फैला रहा है।

राठौड़ सोमवार को यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा की भजनलाल सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों और जनसेवा को लेकर गहलोत एवं विपक्ष द्वारा भ्रामक एवं तथ्यहीन सूचनाएं फैलाई जा रही है जबकि जमीनी सच्चाई यह है कि प्रदेश सरकार पूरी संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ हर वर्ग के कल्याण के लिए कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपने शासनकाल के दौरान की नाकामियां याद होनी चाहिए, जब भ्रष्टाचार, अपराध, बजरी और शराब माफियाओं को खुली छूट मिली थी। अब जब भाजपा सरकार ईमानदारी से कार्य कर रही है, तो उन्हें अपनी ज़मीन खिसकती दिख रही है। भाजपा और राज्य सरकार जनहित को सर्वोपरि रखती है। यदि कहीं समस्या है, तो सरकार खुले मन से उसे सुधारने को तैयार है लेकिन विपक्ष द्वारा गढ़ी गई कहानियों और नकारात्मकता का जवाब जनता लगातार उपचुनावों में दे रही है और आगामी निकाय एवं पंचायत चुनावों में भी देगी।

राठौड़ ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर कहा कि महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने विशेष स्क्वाड, फास्ट ट्रेक कोर्ट और 24 घंटे महिला हेल्पलाइन जैसी व्यवस्थाएं सक्रिय की हैं। अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो रही है, किसी भी अपराधी को राजनीतिक संरक्षण नहीं है, जैसा कि कांग्रेस सरकार में होता था।

पेपरलीक माफियाओं पर लगातार कार्रवाई की जा रही है और उनकों सलाखों के पीछे पहुंचा रहे है। वहीं मुख्यमंत्री जनसुनवाई, ग्रामीण एवं शहरी सेवा शिविरों और आपका विधायक, आपके द्वार जैसी योजनाओं के ज़रिए सीधे जनसंवाद हो रहा है। भाजपा के विधायक, जनप्रतिनिधि और मंत्री जनता के बीच हैं, न कि एसी कमरों में बैठकर ट्विटर राजनीति कर रहे हैं। विपक्ष का एजेंडा सिर्फ और सिर्फ भ्रम फैलाने का है वो इसके अलावा कुछ नहीं कर पा रहे।

उन्होंने कहा कि गहलोत और कांग्रेस पार्टी कन्हैयालाल जैसे निर्दोष नागरिक की हत्या पर भी घिनौनी राजनीति कर रही है। गहलोत को यह साफ करना चाहिए कि जब राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी, तब आखिर क्यों कन्हैयालाल की हत्या को रोकने में पुलिस और खुफिया एजेंसियां नाकाम रहीं।