जयपुर। राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा के नेतृत्व में संगठन के प्रतिनिधिमंडल मंडल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त नवीन महाजन, शासन सचिव शिक्षा कृष्ण कुणाल व निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान सीताराम जाट से मुलाकात कर एसआईआर में लगे शिक्षकों की समस्याओं और उत्पीड़न की स्थिति से अवगत कराते हुए शीघ्र राहत दिलाने की मांग की।
प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने बताया कि संगठन ने प्रदेश में बीएलओ शिक्षकों पर मानसिक दबाव की हद को देखते हुए चार मोर्चों पर शिक्षकों का पक्ष रखते हुए शीघ्र कार्यवाही की मांग की। इसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त, शासन सचिव (शिक्षा) व निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान को ज्ञापन देकर
बीएलओ शिक्षक मुकेश जांगिड़ के परिवार को 50 लाख की सहायता व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।
एसआईआर में लगे कार्मिकों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों के असंवेदनशील बर्ताव से अवगत कराते हुए बताया कि वर्तमान में मतदाता गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम में बीएलओ लगे शिक्षकों के ऊपर अत्यधिक दबाव बनाया जा रहा है।कई मतदान केंद्रों पर महिला कार्मिक भी नियुक्त है और उनसे भी देर रात तक फील्ड में कार्य करने का दबाव बनाने से सभी बीएलओ मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं। प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा, अतिरिक्त प्रदेश महामंत्री बसन्त जिन्दल एवं संयुक्त मंत्री नोरंग सहाय उपस्थित रहे।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा ने कहा कि प्रदेश में बीएलओ के आत्महत्या करने, हृदयाघात जैसी कई घटनाएं प्रकट होना कार्य की अधिकता और प्रशासनिक संवेदनहीनता का प्रतीक है। संगठन ने इस तरह का दबाव हटाने तथा आवश्यकता होने पर एसआईआर अवधि बढ़ाने की मांग की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने सभी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया तथा अन्य अधिकारियों को वीसी के माध्यम से निर्देशित करने के लिए आश्वस्त किया।
पुष्करणा ने कहा कि संगठन शिक्षकों के लिए दृढ़ संकल्पित होकर कार्य कर रहा है और प्रत्येक मोर्चे पर उनके अधिकारों और सुरक्षा को लेकर चिंतित है।इससे पूर्व संगठन ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को पत्र भेजकर शिक्षकों की वर्तमान वेदना से अवगत कराते हुए बताया कि मतदाता सूची शुद्धीकरण लोकतात्रिंक प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा है लेकिन यह कभी कर्मचारियों के उत्पीडन पर आधारित नही हो सकता।
समय सीमा, यर्थाथवादी, कार्यभार सन्तुलित और प्रशासनिक व्यवहार संवेदनशील होना चाहिए परन्तु वर्तमान में राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को इनसे कोई सरोकार नहीं है केवल प्रथम आने की प्रतिस्पर्धा के कारण शिक्षक/कार्मिक असहाय महसूस कर रहे है। वर्तमान में विद्यालयों में अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं का आयोजन भी होना है वही दूसरी और मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के साथ साथ युवा महोत्सव, घूमर कार्यक्रमों का आयोजन भी प्रशासन द्वारा किया गया है जो शिक्षा और शिक्षकों के लिए अत्यधिक दबाव और तनाव दायक हो गया है।
महामन्त्री महेंद्र कुमार लखारा ने कहा कि सभी जिलों में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा एसआईआर का कार्य एक माह में पूर्ण करवाने का दबाब बनाया जा रहा है जिसकी संतुष्टि और डर पैदा करने के लिए कारण बताओं नोटिस, निलम्बन तथा अन्य कई प्रकार की प्रताडनाओं के कागज जारी कर मानसिक दबाब दिया जा रहा है।मानसिक दबाब के कारण राज्य के कई जिलो में शिक्षक/कार्मिक बेहोश, हृदयाघात, आत्महत्या करने या मानसिक सन्तुलन बिगडने की स्थितियां उत्पन्न हो रही है।
कई स्थानों पर पूरे दिन घर घर जाकर फार्म वितरित करने के बाद भी रात्रि के समय में भी कार्य करने का दबाब बनाया जा रहा है। विशेष परिस्थिति यथा परिवार में विवाह, सामाजिक समारोह, स्वास्थ्य कारणो को दरकिनार करते हुए कार्य करने के लिए मजबूर करना न्यायसंगत नहीं है। वर्तमान में विद्यालयों में अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं का संचालन होना है ऐसी स्थिति में परीक्षा करवाना भी संस्था प्रधान के लिए महत्वपूर्ण कार्य है इस स्थिति में चुनाव कार्य के लिए विद्यालयों में कार्यरत शिक्षको का 1/3 ही इस कार्य के लिए प्रतिनियुक्त किया जाना उचित रहेगा।
इस निमित शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव द्वारा एक विद्यालय से एक तिहाई से अधिक शिक्षक नहीं लगाने के अर्द्धशाषकीय पत्र की पालना भी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा नही की जा रही है। वर्तमान में प्रशासनिक अधिकारियों की तानाशाही दबाब के कारण सैकडो कार्मिक भारी मानसिक तनाव और वेदना में है। पूरे विभाग में भयावह स्थिति बना दी गई है।
इसलिए प्रशासनिक अधिकारीयों के संवेदनशील होकर कार्मिको से कार्य करवाने, एसआईआर एक माह में पूर्ण नही होने की स्थिति में इसकी समय सीमा में वृद्धि करवाने एवं उक्त कार्य में शिक्षा विभाग के साथ साथ अन्य विभागो के कार्मिकों को जोडते हुए परीक्षा संचालन, मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम सहित अन्य गैर शैक्षिक कार्यक्रमों को सामंजस्यता के साथ पूर्ण करवाने की मांग की है।
इस अवसर पर राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश सभाध्यक्ष संपत सिंह,वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि आचार्य, उपाध्यक्ष महिला सुषमा विश्नोई,प्रदेश मंत्री अमरजीत सिंह,महिला मंत्री गीता जैलिया,अतिरिक्त प्रदेश महामंत्री बसंत जिंदल,कोषाध्यक्ष कैलाश कच्छावा सहित प्रदेश कार्यकारिणी के समस्त पदाधिकारीयों ने कहा कि संगठन के निर्णय से शिक्षकों को मानसिक रूप से राहत मिलेगी और उन्हें अनावश्यक दबाव के विरोध में मजबूती से लड़ने की शक्ति मिलेगी।आज संगठन अभिभावक की तरह शिक्षकों के साथ खड़ा है जो शिक्षकों में नवीन ऊर्जा का संचार करेगा।



