आरोपों से आहत मोनिटरिंग कमिटी सदस्यों ने जनता को बताई हकीकत

माउंट आबू में 27 जुलाई को हुई बैठक। फाइल फोटो

सिरोही।  माउंट आबू की मॉनिटरिंग कमिटी में शामिल स्थानीय सदस्यों ने सोशल मीडिया पर कथित स्वार्थी तत्वों के आरोपो से आहत होकर प्रेसनोट जारी कर अपना पक्ष रखा है।

मोनिटरिंग कमिटी के सदस्य परमानन्द लालवानी, ललित सांखला और गुलाम शब्बीर कुरैशी ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि मोनिटरिंग कमेटी की गत 27 जुलाई 2023  को हुई बैठक में आबू की जनता के हितों पर कई निर्णय लिए गये थे। जिनकी पालना नही की गई।

इसमें बताया कि उस बैठक मे सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था कि मरम्मत की स्वीकृति का आवेदन प्राप्त करने पर 2 सप्ताह में उसका निस्तारण करना अनिवार्य होगा। साथ ही  जिला कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिये थे, कि सब कमेटी मरम्मत की स्वीकृति और टोकन हेतू अधिकृत हैं, तथा अपने स्तर पर निर्णय लेकर आम जनता को राहत प्रदान करेगी।

इस बैठक में 4X6 के शौचालय, जर्जर भवनों के पुनः निर्माण, सीमेंट विकेता नियुक्त करने बाबत भी स्पष्ट रूप से निर्णय लिये गये थे। किन्तु एक माह से अधिक समय व्यतीत होने के उपरान्त भी प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई। मरम्मत हेतू आम जनता अपने आवेदन प्रस्तुत करती है। जिसका कोई लेखा जोखा संधारित नही किया जाता हैं। फलस्वरूप उनके 15 दिवस में निस्तारण की कार्यवाही नही हो पाती हैं।

इसमें बताया कि पीडित लोग हम सदस्यों के पास राहत हेतू आते हैं किन्तु हम राहत पहुँचाने की स्थिति में नही हैं। इसमें बताया कि हाल में सोशल मिडिया पर कुछ लोगो द्वारा लगातार पोस्ट डाली गई हैं। ये लोग बड़ी होटलों के मालिक हैं इन्हें ये पता नही हैं कि आम जनता कि क्या शिकायते हैं, इन्हे यह भी पता नही हैं कि प्रशासन यहाँ किस स्तर क्या कार्यवाही की जा रही है।

प्रेस नोट में आरोप लगाया कि ऐसे लोगों का मुख्य उद्देश्य आम जनता व अधिकारियों के बीच विवाद उत्पन्न कर अपना कार्य निकलवाना हैं। जनता के दुखो से इनका कोई सरोकार नही हैं। अभी हाल ही में प्लास्टिक की पानी की बोटलों पर प्रतिबन्ध लगवाने तथा नक्की झील पर चैन बाँधने से जनता को हो रही परेशानियों पर इन्होने कोई आवाज नही उठाई, जबकि हमारे पास पीडितो के कई आवेदन प्राप्त हो रहे हैं।

इसमें बताया कि मोनिटरिंग कमिटी द्वारा अपना पक्ष रखने से यह ऐसे स्वार्थी तत्वों द्वारा सोशल मिडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों पर विराम लगेगा। साथ आम जनता में इन स्वार्थी तत्वों द्वारा उत्पन्न की जा रही भ्रांतियों पर रोक लगाकर जनता वस्तुस्थिति जान पायेगी।

इसमें बताया कि मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य स्पष्ट करना चाहेंगे कि उनका एकमात्र उद्देश्य आबू की जनता को राहत दिलवाना, उनके सुख दुख में भागीदार बनना, उन्हें मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध करवाकर उनका जीवन स्तर बेहतर बनाना हैं।