आरएसएस के पूर्व सह सरकार्यवाह मदनदास देवी का निधन

बेंगलूरु। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक, पूर्व सह सरकार्यवाह और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व संगठन मंत्री मदनदास देवी का सोमवार सुबह निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। उन्होंने बेंगलूरु के राजराजेश्वरी नगर स्थित राष्ट्रोत्थान अस्पताल में आज सुबह पांच बजे अंतिम सांस ली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। मोदी ने अपने संदेश में कहा कि मदन दास देवी जी के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्रसेवा में समर्पित कर दिया। उनसे मेरा न सिर्फ घनिष्ठ जुड़ाव रहा, बल्कि हमेशा बहुत कुछ सीखने को मिला। शोक की इस घड़ी में ईश्वर सभी कार्यकर्ताओं और उनके परिवारजनों को संबल प्रदान करे। ॐ शांति!

प्राप्त सूचना के अनुसार उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए बेंगलूरु स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांतीय कार्यालय ‘केशव कृपा’ में आज दोपहर 1.30 बजे से शाम 4 बजे तक रखा जाएगा। उनका अंतिम संस्कार महाराष्ट्र के पुणे में मंगलवार को प्रातः 11 बजे होगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने संदेश में कहा कि राष्ट्र एवं समाज के निमित्त जीवन अर्पित करने वाले विराट व्यक्तित्व और पावन आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि। राष्ट्र निर्माण में आपका अप्रतिम योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।

मदनदास देवी का जन्म 9 जुलाई 1942 होना को हुआ था। वह मूलत: महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के करमाळा गांव के थे। शालेय शिक्षा के बाद उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए पुणे के बीएमसीसी कॉलेज में 1959 में प्रवेश लिया। एम काॅम के बाद आईएलएस लाॅ कॉलेज से गोल्ड मेडल के साथ एलएलबी किया। बाद में सीए किया।

पुणे में पढ़ाई के दौरान वरिष्ठ बंधु खुशालदास देवी की प्रेरणा से वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आए। 1964 से मुंबई में उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कार्य प्रारंभ किया। 1966 में अभाविप मुंबई के मंत्री हुए। वर्ष 1968 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कर्णावती राष्ट्रीय अधिवेशन में उन्हें पूर्णकालिक कार्यकर्ता एवं पश्चिमांचल क्षेत्रीय संगठन मंत्री के दायित्व मिला तथा 1970 के तिरुअनंतपुरम अधिवेशन में राष्ट्रीय संगठन मंत्री की जिम्मेदारी प्राप्त हुई।

वह वर्ष 1992 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख तथा 1993 में संघ के सह-सरकार्यवाह बने। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और संघ के बीच समन्वय का दायित्व भी संभाला।