दिल्ली में 4 से 6 जुलाई तक होगी आरएसएस के प्रांत प्रचारकों की बैठक

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में चार से छह जुलाई तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रांत प्रचारकों की बैठक होगी, जिसमें संगठनात्मक चर्चा के साथ संघ के सभी 46 प्रांतों के कार्यों की समीक्षा की जाएगी।

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने गुरुवार को यहां केशव कुंज में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इस बैठक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बैठक में देशभर से 233 कार्यकर्ता इसमें शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि संघ की संगठन रचना में कुल 11 क्षेत्र एवं 46 प्रांत बनाए गए हैं। बैठक में संगठनात्मक चर्चा के अलावा सभी 46 प्रांतों के कार्यों की समीक्षा की जाएगी।

उन्होंने बताया कि बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले का मार्गदर्शन भी प्राप्त होगा। इसके अलावा सभी सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल, सीआर मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त, आलोक कुमार, अतुल लिमये सहित सभी अखिल भारतीय कार्य विभाग प्रमुख, सह प्रमुख एवं कार्यकारिणी के सदस्य भाग लेंगे।

आंबेकर बताया कि संघ का प्रशिक्षण वर्ग पूरा करके जुलाई में सब एकत्रित होते हैं। अब तक 100 वर्गों का आयोजन हो चुका है। इसमें 40 वर्ष से कम उम्र के 75 वर्ग थे और 40-60 वर्ष के लोगों के लिए 25 वर्ग आयोजित किए गए। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व निर्माण की दृष्टि से ये वर्ग काफ़ी महत्वपूर्ण होते हैं।

उन्होंने बताया कि बैठक में भारतीय जनता पार्टी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जैसे संघ से जुड़े 32 संगठनों के संगठन मंत्री भी हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि इस साल संघ का शताब्दी वर्ष है, इसलिए शताब्दी वर्ष की योजना के बारे में चर्चा होगी। शताब्दी वर्ष में खंड, बस्ती और मंडल स्तर पर हिंदू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे और समाज के प्रमुख विषयों पर भी चर्चा की जाएगी।

आरएसएस के प्रचार प्रमुख ने बताया कि इस साल दो अक्तूबर को दशहरा है और इसी दिन संघ के 100 साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर महाराष्ट्र के नागपुर में शताब्दी वर्ष समारोह का प्रारंभ होगा। उन्होंने बताया कि संघ का शताब्दी वर्ष समारोह दो अक्टूबर से शुरू होकर अगले साल यानी 2026 में विजयादशमी तक चलेगा। इस दौरान देश भर में हर शाखा पर विजयादशमी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान गृह संपर्क का आयोजन होगा। स्वयंसेवक घर-घर जाकर संपर्क करेंगे और लोगों के संघ के उद्देश्यों की जानकारी देंगे।

इसके अलावा पूरे देश में ज़िला स्तर पर सामाजिक सदभाव बैठकें आयोजित होंगी। सभी जिला केंद्रों पर अक्टूबर के बाद प्रमुख नागरिक गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम होंगे। इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील की कि हिंदू समाज के सभी समुदाय और प्रमुख लोग एक साथ आकर कुरीतियों को दूर करें, सदभाव बना रहे, इसका प्रयास करें।

उन्होंने बताया कि शताब्दी वर्ष में सरसंघचालक के साथ चार प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलूरु में विशेष संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें समाज के प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। इससे पहले 2018 में ऐसे कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली के विज्ञान भवन में किया गया। उन्होंने बताया कि मार्च 2025 से अब तक 28 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने आरएसएस से जुड़ने के लिए इच्छा जतायी है।

आंबेकर ने इस दौरान कई सवालों के जवाब भी दिए। जातीय जनगणना के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सामाजिक सदभाव का कार्यक्रम है और संघ पहले ही कह चुका है कि योजनाओं के लिए जो भी जानकारी चाहिए, वह होनी चाहिए। वहीं भाजपा अध्यक्ष चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई चर्चा यहां नहीं होती।