अजमेर। अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन की ओर से अजमेर पधारे निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य अखाड़ा परिषद राजगुरू स्वामी विशोकानन्द भारती महाराज का कालीचरण दास खण्डेलवाल के निवास पर संत पूजन, वंदन, अभिनन्दन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
महामंत्री उमेश गर्ग ने बताया कि इस अवसर पर राष्ट्र संत विशोकानन्द महाराज का चरण पूजन खण्डेलवाल, पुखराज पहाडिय़ा, रमेश तापडिय़ा, सुभाष नवाल, सूरजनारायण लखोटिया, गिरधारी मंगल, प्रवीण जैन, प्रेम विजयवर्गीय, करण छाजेड़, ओमप्रकाश विजयवर्गीय, दीपक चौपड़ा, विश्व हिन्दू परिषद के लेखराज सिंह राठौड़ एवं मुकेश सोनी ने किया।
महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि संत समागम करके अपन और अपने स्वजनों की गृहस्थाश्रम धन्य किया जा सकता है। पिछले पुण्य से संत व सत्संग प्राप्ति होती है। स्वामीजी ने गृहस्थाश्रम पर बोलते हुए कहा कि मनुष्य की प्रथम गुरू उसकी मां है अत: मातृ-पिता की आज्ञा ब्रह्म आज्ञा से भी श्रेष्ठ मानते हुए पालना करनी चाहिए। आज की नई पीढ़ी को उन्होंने कहा कि श्रीमद् रामचरित्रमानस को अपने जीवन का आधार एवं मूल मंत्र बनाए यही सफलता की पूंजी है।
संस्कार निर्माण तो माता-पिता द्वारा किया जाता है गुरू द्वारा उन्हें सुसज्जित किया जाता है। पति-पत्नी में आपसी विश्वास और सामंजस्य के लिए आवश्यक है कि पति एवं पत्नी दोनों को एक दूसरे पर विश्वास एवं एक-दूसरे के प्रति समर्पित होना चाहिए। आज की युवा पीढ़ी में इस विश्वास में जो कमी आई है वही मुख्य कारण है अलगाव एवं तलाक का, इस पर युवा पीढ़ी, परिवार एवं समाज को विचार करना चाहिए।