अजमेर। आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा राजस्थान के तत्वावधान में सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय की एनएसएस ईकाई व एनसीसी की ओर से विभिन्न योग गतिविधियों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है। इसी क्रम में आज कार्य पद्धति प्रमुख विवेकानन्द केन्द्र ने एक पृथ्वी एवं स्वास्थ्य के लिए योग विषय पर योग कार्यशाला का आयोजन किया।
स्वतन्त्र शर्मा ने अपने व्याख्यान में योग के जरिए मानसिक स्पष्टता व भावनात्मक स्थिरता कैसे लाई जाए को बहुत ही गूढ़ तरीके से समझाया। उन्होंने कहा कि योग शरीर की हर कोशिका को स्वरूप ओर बेहतर बनाने की दिशा में काम करता है। योग का एक मात्र उदेश्य आत्मा परमात्मा से मिलन द्वारा समाधि की अवस्था प्राप्त करना है। उन्होंने प्राणायाम के विभिन्न आयामों की प्रायोगिक जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि विवेकानन्द केन्द्र के साथ हुए MOU के तहत् विभिन्न योग कार्यशालाओं का आयोजन वर्ष पर्यन्त महाविद्यालय में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सहायक निदेशक अजमेर संभाग डॉ. अनिल कुमार दाधीच ने कहा कि योग सिर्फ अभ्यास नहीं है ये एक साधना है।
प्राचार्य प्रो. (डॉ.) मनोज कुमार बहरवाल ने योग के ऐतिहासिक महत्व व वर्तमान में प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। योग के जरिए तनाव, चिंता व अवसाद मुक्त रहने के गुर साझा किए।
कार्यक्रम प्रभारी डॉ. उमेश दत्त ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों में योग के प्रति जन-जागरूकता लाना व एक स्वस्थ समाज की स्थापना करना है। एनसीसी प्रभारी ले. डॉ. मीनाक्षी गहलोत ने विद्यार्थियों को विभिन्न आगामी योग कार्यशालाओं की जानकारी दी। डॉ. रश्मि शर्मा ने सभी छात्राओं को सात दिवसीय योग कार्यशाला के महत्व के बारे में बताया।
एनएसएस अधिकारी डॉ. विजय नरवाल ने छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव कम करने के बारे में जाग्रत किया। डॉ. वन्दना रंगा ने विद्यार्थियों को योग को जीवन का अंग बनाने के लिए प्रेरित किया। धन्यवाद आईक्यूएसी प्रभारी डॉ. विभा खन्ना ने दिया। इस कार्यशाला में महाविद्यालय के सभी संकाय सदस्यों व विद्यार्थियों ने भाग लिया।