श्रीनगर। राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने मंगलवार को उनसे मुलाकात कर कुशल क्षेम पूछी।
अंगमो की यह मुलाकात उच्चतम न्यायालय के वांगचुक की तत्काल रिहाई की मांग वाली उनकी याचिका पर केंद्र और लद्दाख प्रशासन को नोटिस जारी करने के एक दिन बाद हुयी। इस मुलाकात के दौरान उनके साथ वकील रीतम खरे भी थे। गत 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत वांगचुक की हिरासत के बाद पति पत्नी की यह पहली भेंट थी।
अंगमो ने एक्स पर बताया कि उन्हें हिरासत आदेश की एक प्रति मिली है, जिसे वे कानूनी तौर पर चुनौती देने पर विचार कर रही हैं। उन्होंने लिखा कि श्री वांगचुक का जज्बा अटूट है। उनका हौसला अडिग एवं प्रतिबद्धता दृढ़ है और वह सभी के समर्थन और एकजुटता के लिए हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करते हैं।
अंगमो से पहले, शनिवार को, लेह एपेक्स बॉडी के कानूनी सलाहकार मुस्तफा हाजी और कार्यकर्ता के बड़े भाई, त्सेतन दोरजे जेल में वांगचुक से मुलाकात कर चुके हैं। वांगचुक को 26 सितंबर को रासुका के तहत हिरासत में लिया गया था। लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों में चार लोग मारे गए थे और 100 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे।