नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि के एक मामले में ऑनलाइन समाचार पोर्टल ‘द वायर’ को जारी समन को चुनौती देने वाली उसकी याचिका पर सोमवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की पूर्व प्रोफेसर अमिता सिंह को नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने नोटिस जारी करने पर सहमति जताते हुए मौखिक रूप से कहा कि मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि इस सब (मानहानि मामले) को अपराधमुक्त किया जाए।न्यूज़ पोर्टल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ की इस टिप्पणी पर सहमति जताई।
शीर्ष अदालत ने संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद द वायर चलाने वाले फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म की याचिका पर प्रोफेसर सिंह को नोटिस जारी किया।
मानहानि का यह मुकदमा 2016 में ‘द वायर’ में प्रकाशित एक लेख के संबंध में पूर्व प्रोफेसर सिंह की शिकायत पर दायर किया गया था।
एक निचली अदालत ने फरवरी, 2017 में इस मामले में संबंधित पोर्टल को समन जारी किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल रद्द कर दिया था।
शीर्ष अदालत ने तब मजिस्ट्रेट से समाचार लेख की जांच के बाद समन जारी करने पर नए सिरे से निर्णय लेने को कहा था।
मजिस्ट्रेट ने जनवरी 2025 में समाचार पोर्टल और उसके राजनीतिक मामलों के संपादक को फिर से समन जारी किया, जिसे उच्च न्यायालय ने मई में बरकरार रखा। याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया।