अलवर में हत्या के दो दोषियों को आजीवन कारावास

अलवर। राजस्थान में अलवर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय (संख्या-1) ने हत्या के सात वर्ष पुराने मामले में दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश धीरज शर्मा ने अभियुक्त पवन और याकूब को निर्दोष युवक रामकेश की हत्या करने का दोषी मानते हुए उन पर 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी किया।

मामला वर्ष 2018 का है। अभियुक्त अनिल का भाई सुनील कई दिनों से लापता था। अनिल ने बीमे की राशि हासिल करने के लिए अपने भाई सुनील जैसे कदकाठी के व्यक्ति की हत्या करने की योजना अपने साथियों पवन और याकूब के साथ बनाई। उसने इसके लिए महावीर ढाबे पर काम करने वाले 24 वर्षीय रामकेश को चुना। उसकी कदकाठी सुनील से मिलती थी।

इसके बाद वे तीनों रामकेश को बहाने से शहर से दूर सिलीसेढ़ के नजदीक श्योदानपुरा ले गए जहां शराब पिलाकर उसकी हत्या कर दी। फिर षड्यंत्र के तहत अनिल ने अपने गुमशुदा भाई सुनील के दस्तावेज और मोबाइल नंबर मौके पर छोड़ दिए ताकि शव की पहचान सुनील के रूप में हो।

अगले दिन जब पुलिस मौके पर पहुंची तो मिले दस्तावेजों के आधार पर मृतक की सूचना अनिल के परिवार को दी गई। परिवार ने शव को सुनील मानकर अंतिम संस्कार की तैयारी भी कर ली थी, लेकिन ठीक समय पर मृतक रामकेश के पिता राजू पुलिस के साथ पहुंच गए और बेटे की पहचान कर ली। इसके बाद सारा भेद खुल गया।

पुलिस जांच में अनिल, पवन और याकूब तीनों दोषी पाए गए। तीनों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया। इस मामले का मुख्य षडयंत्रकर्ता अनिल अदालत में पेश नहीं हुआ, इसलिए अदालत ने उसका फैसला लंबित रखा है।

फैसले के बाद मृतक के पिता राजू ने कहा कि सात वर्ष से मैं अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए भटक रहा था। आज कोर्ट के फैसले से मुझे सच्चा न्याय मिला है। अब मैं मंदिर जाकर भगवान को प्रसाद चढ़ाऊंगा।