श्रीगंगानगर। राजस्थान में श्रीगंगानगर में नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने कार्रवाई करते हुए किराये के फ्लैट में अवैध मादक पदार्थ प्रयोगशाला का पर्दाफाश करके दो शिक्षकों को गिरफ्तार किया है।
एनसीबी के आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि इस प्रयोगशाला में दो शिक्षक मनोज भार्गव (30) और इंद्रजीत बिश्नोई (36) मादक पदार्थ मादक पदार्थ मेफेड्रोन (एमडी) बना रहे थे। मनोज मुकलावा कस्बे के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विज्ञान का शिक्षक है, जबकि इंद्रजीत एक कोचिंग सेंटर में फिजिक्स पढ़ाता था और वर्तमान में राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) की तैयारी कर रहा है।
सूत्रों ने बताया कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करके बुधवार को मादक द्रव्य एवं मनोत्तेजक पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम मामलों की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
ड्रीम होम्स कॉलोनी के फ्लैट में बनाई अत्याधुनिक लैब
सू्त्रों ने बताया कि एनसीबी जोधपुर के दल ने मंगलवार को दोपहर में खुफिया सूचना के आधार पर सूरतगढ़-हनुमानगढ़ बाईपास पर स्थित ड्रीम होम्स कॉलोनी में स्थित एक फ्लैट में छापा मारा। वहां अत्याधुनिक लैब में विभिन्न रसायनों और उपकरणों का इस्तेमाल करके एमडी ड्रग तैयार किया जा रहा था। छापेमारी के दौरान 780 ग्राम तैयार एमडी ड्रग और भारी मात्रा में रसायन बरामद हुए, जिनकी कीमत करीब दो करोड़ 34 लाख रुपए आंकी गई।
यूट्यूब वीडियो के जरिए सीखा एमडी ड्रग बनाना
एनसीबी सूत्रों के अनुसार पिछले तीन महीनों में आरोपियों ने करीब पांच किलो एमडी ड्रग की राजस्थान और पंजाब के विभिन्न जिलों में आपूर्ति की है। एनसीबी के अनुसार, आरोपियों ने ऑनलाइन सर्च और यूट्यूब वीडियो के जरिए एमडी ड्रग बनाना सीखा। उन्होंने पहले मेथकैथिनोन नामक ड्रग बनाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहने पर ब्रोमीन, सोडियम बाइकार्बोनेट, मिथाइलमाइन, आइसोप्रोपाइन अल्कोहल जैसे रसायनों का इस्तेमाल करके एमडी ड्रग तैयार करना शुरू किया। ये रसायन स्कूल-कॉलेज की लैब में उपयोग होने वाले सामान्य रसायन हैं, जिन्हें इन्होंने बाजार से खरीदा।