माउण्ट आबू हनीट्रेप मामले में आया निर्णय, पांच आरोपियों को सुनाई सजा

माउंट आबू में हनी ट्रैपिंग मामले में आरोपियों की मेडिकल जांच करवाने लेकर आई पुलिस

सबगुरु न्यूज- माउण्ट आबू। करीब नौ साल पहले माउण्ट आबू के हाई प्रोफाइल हनीट्रेप कांड में माउण्ट आबू के एसीजेएम श्यामसुंदर शर्मा ने छह अरोपियों को सजा सुनाई। इस प्रकरण में शामिल माउण्ट आबू के तत्कालीन थानाधिकारी की मृत्यु होने के कारण उन पर मामला ड्राॅप कर दिया गया था। एक आरोपी को बरी कर दिया गया। जबकि एपीपी सीमा शर्मा के द्वारा दी गई दलीलों से सहमत होते हुए बाकी पांच आरोपियों को अलग-अलग धाराओं में तीन साल से लेकर छह साल तक की सजाएं सुनाई है। ये सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।

इस प्रकरण में सरकार की तरफ से पैरवी कर रहीं माउण्ट आबू एसीजेएम कोर्ट की अभियोजन अधिकारी सीमा शर्मा ने बताया कि माउण्ट आबू में नौ साल पहले हनीट्रेपिंग के मामला हुआ था। इसमें एक व्यवसायी विकास अग्रवाल ने शिकायत दर्ज करवाई थी। इस प्रकरण की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने महिला के साथ मिलकर विकास अग्रवाल को एक स्थान पर बुलवाया फिर उसे हनी ट्रेपिंग के मामले में फंसाकर उसे ब्लैकमेल करने की साजिश रची। इस मामले में स्थानीय थानाधिकारी रामचंद्र भी इस साजिश का हिस्सा थे।

उन्होंने बताया कि गैंग बनाकर हनीट्रेप करते हुए इन लोगों ने अग्रवाल से दो करोड रुपये की मांग की थी। तीस लाख रुपये तो वसूल भी लिए थे। इस मामले में जोधपुर डिफेंस काॅलोनी निवासी सैयद मोइनुल हक, चोपासनी निवासी शिवानी, जोधपुर के नई बस्ती निवासी गोविंद मेघवाल, जोधपुर जिले के ढेलाणा निवासी गोपालसिंह राजपूत व गोविंदसिंह, माउण्ट आबू पुलिस स्टेशन के तत्कालीन थानाधिकारी रामचंद्रसिंह तथा जोधपुर के ही कुडी भगतासनी निवासी परषुराम को आरोपित बनाया गया था। इसमें परशुराम को बरी कर दिया गया तथा माउण्ट आबू के तत्कालीन थानाधिकारी रामचंद्र की मौत होने के कारण उन पर मामला ड्राॅप कर दिया गया। बाकी पांच आरोपियों को अलग-अलग धाराओं में तीन से छह साल की सजा सुनाई है। इसमें आर्थिक दंड भी दिया गया है। सभी सजाएं एकसाथ चलेंगी। सभी आरोपियों को सजा सुनाते वक्त न्यायालय में लाया गया था। निर्णय सुनाने के बाद सभी आरोपियों को पुलिस के साथ भेज दिया गया।

माउंट आबू हनी ट्रैप प्रकरण में सजा की सुनवाई के दौरान न्यायालय में लाए गए आरोपी।

-राजस्थान पुलिस हुई थी शर्मसार

जिस समय माउण्ट आबू में हनी ट्रेप का मामला हुआ था उसके आसपास देष और प्रदेश में इस तरह के संगठित गिरोह बनाकर हनीट्रेप करने कई मामले सामने आए थे। इस तरह के गिरोह में विभिन्न व्यवसायों से जुडे लोगों को संगठित गिरोह अलग-अलग शहरों में लोगों को फंसाते थे। माउण्ट आबू के मामले में पुलिस थानाधिकारी के ष्षामिल होने के कारण इस मामले ने प्रदेश में सुर्खियां बटोरी। इस प्रकरण की जांच में माउण्ट आबू की तत्कालीन पुलिस उप अधीक्षक प्रीति कांकाणी ने माउण्ट आबू की गली-गली के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। घटना से जुडे किसी भी लिंक को मिस नहीं होने दिया गया। इसी जांच में ये सामने आया कि इसमें माउण्ट आबू के थानाधिकारी रामचंद्र सिंह भी शामिल थे। ये बात सामने आते ही प्रदेश भर में राजस्थान पुलिस को शर्मसार होना पडा। ऐसे में मामले की जांच पूरी होने के बाद जोधपुर रेंज के तत्कालीन आईजी हवासिंह घूमरिया ने माउण्ट आबू आकर इस प्रकरण का खुलासा किया।

 

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