नई दिल्ली। प्रख्यात भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक एकनाथ वसंत चिटनिस का बुधवार को पुणे स्थित उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 100 वर्ष के थे।
भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में मशहूर चिटनिस ने भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (आईएनसीओएसपीएआर) की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की, जो बाद में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के रूप में विकसित हुई।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर चिटनिस को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें, हमारे अंतरिक्ष अभियान के प्रतीक पुरुषों में से एक बताया है। रमेश ने 10 फरवरी 1962 की उस ऐतिहासिक मुलाकात को याद किया, जब चिटनिस, इसरो के जनक विक्रम साराभाई के साथ अहमदाबाद स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से मिलने गए थे और उस क्षण ने भारत के अंतरिक्ष सपनों को आकार देने में एक ऐतिहासिक भूमिका निभाई।
चिटनिस की विरासत समृद्ध और बहुआयामी है। उन्होंने भारत के पहले रॉकेट के प्रक्षेपण स्थल के रूप में केरल के थुम्बा को चुनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह निर्णय देश की अंतरिक्ष यात्रा को गति देने में निर्णायक साबित हुआ। चिटनिस ने सन् 1981 से 1985 तक अहमदाबाद स्थित इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) के निदेशक के रूप में सुदूर संवेदन, उपग्रह संचार और ऐतिहासिक भारतीय अंतरिक्ष यात्रा (आईएनएसएटी) कार्यक्रम में महत्वपूर्ण परियोजनाओं को आगे बढ़ाया।
उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों में सैटेलाइट इंस्ट्रक्शनल टेलीविजन एक्सपेरिमेंट (एसआईटीई) का नेतृत्व करना शामिल था, जो एक अभिनव परियोजना थी जिसने ग्रामीण भारत में शैक्षिक कार्यक्रम प्रदान करने के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी का उपयोग किया। एसआईटीई ने दिखाया कि कैसे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी बाधाओं को तोड़ सकती है। शिक्षा को बढ़ावा दे सकती है और वंचितों के लिए स्वास्थ्य सेवा की पहुंच में सुधार कर सकती है।
चिटनिस के सुपुत्र चेतन चिटनिस एक प्रतिष्ठित आणविक जीवविज्ञानी और पद्मश्री पुरस्कार विजेता हैं। उनकी पुत्रवधू और पोतियां भी हैं। उनका निधन भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक अध्याय के अंत का संकेत है। उनकी दूरदर्शिता और प्रेरणा भावी पीढ़ियों का मार्गदर्शन करती रहेंगी। भारत अपने इस प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक के निधन पर शोक मना रहा है। उनका योगदान ऐसा है जिसने कभी उनके और पूरे राष्ट्र के सपनों का मार्गदर्शन किया था।