कैंपियन जैसा माहौल पैदा करना संवैधानिक पद के खिलाफ : अशोक गहलोत

अलवर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहा है कि उन्हें इस बात पर खुशी होगी कि राजस्थान का कोई राष्ट्रपति बने लेकिन जिस तरह उपराष्ट्रपति एक ही दिन में पांच जिलों में जाकर कैंपियन जैसा माहौल पैदा कर रहे हैं यह संवैधानिक पदों के खिलाफ है।

एक दिवसीय दौरे पर नीमराना आए गहलोत ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि इसका जनता को फैसला करने दें और राजस्थान पर कृपा करके हमें बक्शे। जनता निष्पक्ष फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि अगर जनता चाहेगी, अगर काम किए हैं तो हमें आशीर्वाद दे देगी और काम नहीं किया है तो आशीर्वाद नहीं मिलेगा।

उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि अब सिर्फ राष्ट्रपति का आना बाकी है। केन्द्र सरकार संवैधानिक पदों पर रहने वालों पर दबाव नहीं बनाएं कि वह अपने राज्यों में जाकर चुनावी वर्ष में दौरे करें, हालांकि उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपति आदिवासी महिला हैं और उन्होंने परेशानियों को नजदीक से देखा है और वह कैंपियन में नहीं आएंगी लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई भी संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति देश में भ्रमण करता है तो ऐसा नहीं लगना चाहिए कि वह कैंपियन कर रहा है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के खिलाफ ऐसा कोई बिन्दु नहीं है जिससे आमजन में इसका विरोध हो, शिक्षा स्वास्थ्य, सामाजिक, सुरक्षा सहित काफी योजना ऐसी हैं जो पूरे देश में कहीं भी नहीं चल रही। राज्य के प्रत्येक व्यक्ति का 25 लाख का बीमा राजस्थान सरकार दे रही है जबकि केंद्र सरकार मात्र पांच लाख रुपए का बीमा कर रही है, वह भी सीमित लोगों के लिए। हो सकता है विधायक और सांसद की शिकायत हो और विपक्ष के लोग तो बातें बनाएंगे ही।

उन्होंने सरकार के रिपीट होने का दावा करते हुए कहा कि अगर विपक्ष के बहकावे में राजस्थान की जनता नहीं आई तो सरकार निश्चित रूप से रिपीट होगी। कभी किसी को घमंड भी नहीं करना चाहिए। मुख्यमंत्री की यात्रा के रोड मैप के सवाल पर उन्होंने कहा कि 50 जिले बने हैं सभी जिलों में ज्यादा से ज्यादा जाने का उनका मकसद है और मॉनिटरिंग करेंगे कि सरकार ने किस तरीके से काम किया है। सरकार निश्चित रूप से रिपीट होगी।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने राजस्थान का 2030 मिशन बनाया है जिसमें ढाई करोड़ सुझाव भी आए हैं इसमें शिकायतें भी हो सकती हैं अपने दर्द भी हो सकते हैं इन सभी से फीडबैक लिया जाएगा और जो भी राजस्थान के लिए अच्छा होगा वह किया जाएगा और पूरा डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा। जिससे राजस्थान का भविष्य पर होगा कि राजस्थान का भविष्य क्या होना चाहिए।