महीने भर तंबाकू के खर्च में कर सकते हैं प्रतिदिन पौष्टिक भोजन

विश्व तंबाकू निषेध दिवस
जयपुर। राजस्थान के युवाओं व किशोरों में तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों की लत का बढ़ना हम सभी के लिए चिंता का गंभीर विषय है। प्रदेश में 65 हजार से अधिक लोगों की तंबाकू व अन्य धम्रपान उत्पादों के सेवन से होने वाली बीमारियों से अकारण मौत हो जाती है। वहीं प्रतिदिन तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के सेवन में खर्च होने वाली राशि से आसानी से पौष्टिकता से भरपूर भोजन आसानी से किया जा सकता है।

हमें भोजन की आवश्यकता है तंबाकू की नहीं

इस बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की थीम हमें भोजन की आवश्यकता है तंबाकू की नहीं रखी गई है। जिस तरह से हर इंसान को अपना जीवन चलाने के लिए रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत आवश्यकता होती है। उसी तरह से तंबाकू को न चुनकर पौष्टिक भोजन को मूलभूत प्राथमिकता में शामिल करने की जरुरत है।

महीने भर तंबाकू के खर्च में प्रतिदिन पोष्टिक भोजन

एक अनुमान के हिसाब से प्रतिदिन तंबाकू व धम्रपान उत्पादों का सेवन करने वाला 5 गुटखा सेवन कर लेता है और सिगरेट व बीड़ी पीने वाले इसी मात्रा में उपभोग करता है। जिसका अनुमानित खर्च 40 से 50 रुपए आता है। इतनी ही राशि से दो समय का भोजन किया जा सकता है, जोकि पूरी तरह से पौष्टिकता से भरपूर होता है।

राजस्थान में 77 हजार की प्रतिवर्ष मौत

सवाई मान सिंह चिकित्सालय जयपुर के कान, नाक, गला विभाग के वरिष्ठ आचार्य डा.पवन सिंघल ने बताया कि ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे के अनुसार राज्य में तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों से होने वाले रोगों से प्रतिवर्ष 77 हजार से अधिक लोगों की मौत हो जाती है और देशभर में 13.5 लाख व विश्वभर में 80 लाख लोगों की जान इससे जाती है। जबकि प्रदेशभर में 300 से अधिक बच्चे और देशभर में 5500 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू उत्पादों का सेवन शुरु करते हैं।

तंबाकू से कैंसर के साथ अन्य बीमारियां

उन्होंने बताया कि सभी जानते हैं कि ऐसे उत्पादों के सेवन से मुंह व गले के कैंसर के साथ शरीर में और कई तरह की बीमारियां होती है। लेकिन इसके बावजूद भी जागरुकता के अभाव में यूजर इस और अग्रसर होता है।

राजस्थान में 24.7 प्रतिशत तंबाकू यूजर

राजस्थान में वर्तमान में 24.7 प्रतिशत लोग (5 में से 2 पुरुष, 10 में से 1 महिला यूजर) किसी न किसी रुप में तंबाकू उत्पादों का उपभोग करते हैं। जिसमें 13.2 प्रतिशत लोग धूम्रपान के रुप में तंबाकू का सेवन करते है, जिसमें 22.0 प्रतिशत पुरुष, 3.7 प्रतिशत महिलांए शामिल है। यहां पर 14.1 प्रतिशत लोग चबाने वाले तंबाकू उत्पादों का प्रयोग करते है, जिसमें 22.0 प्रतिशत पुरुष व 5.8 प्रतिशत महिलाएं शामिल है।

डा.सिंघल ने बताया कि युवाओं को इससे बचाने के लिए तंबाकू उद्योगों द्वारा अपने उत्पादों के प्रति आकर्षित करने के प्रयास पर प्रभावी अंकुश, बच्चों व युवाओं के निंरतर तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभाव के प्रति निंरतर जागरुक करने तथा तंबाकू उत्पादों के विज्ञापनों के साथ इसकी बिक्री पर भी रोक लगाने की जरुरत है।

जेजे एक्ट व कोटपा की हो प्रभावी पालना

राजस्थान में किशोरों व युवाओं को तंबाकू की पहुंच से दूर रखने के लिए तंबाकू निंयत्रण अधिनियम 2003 (कोटपा) तथा किशोर न्याय अधिनियम की धारा 77 (जेजे एक्ट) की प्रभावी अनुपालना कराने की जरुरत है। वहीं सिगरेट की खुली बिक्री पर प्रतिबंध है लेकिन इसकी भी पालना नहीं होने के कारण आपको ये सभी उत्पाद आसानी से मिल रहे हैं। खुली सिगरेट खरीदना युवाओं के लिए सुगम है, इसलिए खुली सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध को प्रभावी बनाए जाने की जरुरत है।

सावर्जनिक स्थल, शिक्षण संस्थानों आसपास, किरयाना स्टोर, पान शॉप इत्यादि स्थानों पर तंबाकू व धूम्रपान उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाकर भी तंबाकू यूजर की संख्या में कमी लाई जा सकती है।

तंबाकू उत्पादों की बढ़ती खपत नुकसानदायक

प्रदेश में तंबाकू उत्पादों की बढ़ती खपत हम सभी के लिए नुकसानदायक है। इससे जहां जनमानस को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक भार झेलना पड़ता है वहीं सरकार को भी आर्थिक भार वहन करना पड़ता है। इसलिए तंबाकू पर टैक्स बढ़ाने की नीति को निरंतर बनाए रखना चाहिए या फिर इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। राजस्थान सरकार ने जनमानस के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए देश में सबसे अधिक टैक्स की श्रेणी में रखा। जिसके चलते प्रदेश में तंबाकू का उपभोग में कमी आई।

हर 5 में से एक मौत तंबाकू की वजह से

उन्होंने बताया कि दुनियाभर में होने वाली हर पांच मौतों में से एक मौत तंबाकू की वजह से होती है तथा हर छह सेकेंड में होने वाली एक मौत तंबाकू और तंबाकू जनित उत्पादों के सेवन से होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि सन 2050 तक 2-2 अरब लोग तंबाकू या तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे होंगे।

स्वस्थ जीवन जीने के लिए ये जरुरी

सामान्य इंसान को जीवन जीने के लिए प्रतिदिन 2500 कैलोरी की आवश्यकता होती है। जिसमें महिलाओं को 2000 कैलोरी की जरुरत पड़ती है। तभी वे स्वस्थ जीवनयापन कर सकते है।
पुलिस महानिदेशक को दिया ज्ञापन

राजस्थान के ईएनटी चिकित्सकों, सुखम फाउंडेशन ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर गंभीर चिंता जताई है। इसके लिए प्रदेशभर में कोटपा व जेजे एक्ट में कार्रवाई को लेकर पुलिस महानिदेशक को ज्ञापन दिया गया। जिसमें बताया गया कि राजस्थान में तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों की रोकथाम के लिए राज्य के सभी जिलों व संभाग मुख्यालयों पर कोटपा व जेजे एक्ट में प्रभावी कार्रवाई की जाए तो तंबाकू यूजर को हत्तोसाहित किया जा सकेगा।

डा.पवन सिंघल
वरिष्ठ आचार्य
सवाई मान सिंह चिकित्सालय जयपुर
मोबाईल : 9414043435