जयपुर/बूंदी/सिरोही। राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बूंदी, सिरोही एवं खैरथल-तिजारा जिलों में अलग अलग रिश्वत के तीन मामलों में गुरुवार को चार लोगों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।
ब्यूरो की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि बूंदी जिले में कार्यालय उपखण्ड अधिकारी लाखेरी के कनिष्ठ लिपिक कर्मवीर सिंह हाडा और संविदाकर्मी कम्प्यूटर ऑपरेटर शिव महेश योगी को परिवादी से भारतमाला सड़क परियोजना में अवाप्तशुदा स्वयं की जमीन का मुआवजा प्राप्त करने के लिए किए गए दावे का निर्णय परिवादी के पक्ष में कराने की एवज में 35 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
श्रीवास्तव ने बताया कि सिरोही जिले में शिवगंज नगरपालिका में वरिष्ठ सहायक स्टोर शाखा प्रभारी एवं अतिरिक्त चार्ज सफाई निरीक्षक नरेश कुमार को 15 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि परिवादी की फर्म द्वारा नगर पालिका शिवगंज में प्लास्टिक डस्टबीन, लोहे का स्टेण्ड एवं अन्य सामग्री की सप्लाई के विभिन्न बिल भुगतान के लिए नगरपालिका में लंबित थे। जिसमें से एक बिल के भुगतान के लिए नोटशीट तैयार की गई एवं इस बिल को पारित करने के लिए नरेश कुमार ने परिवादी से 15 प्रतिशत कमीशन राशि के हिसाब से 15 हजार रुपए की रिश्वत मांग की। उन्होंने बताया कि इस पर आरोपी नरेश कुमार को परिवादी से 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि इसी तरह खैरथल-तिजारा जिले पालपुर ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी हिमांशु गुप्ता को सात हजार रूपए रिश्वत लेते रंगे हाथों किया गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि परिवादी ने शिकायत की कि उसने सन् 2017 में प्रधानमन्त्री आवास योजना के तहत मकान के लिए मिलने वाली राशि के लिए ग्राम पंचायत पालपुर में प्रार्थना पत्र लगाया जो 2023 में पास हो गया था। मकान के निर्माण के लिए ग्राम पंचायत सैकेट्री द्वारा दो किस्त 15 हजार एवं 45 हजार रूपये की दिलवा दी गई और मकान का निर्माण भी कर लिया। मकान की अब तीसरी किस्त करीब 60 हजार रूपये दिलवाने के लिए 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे है।
उन्होंने बताया कि इस पर ब्यूरो टीम ने ट्रेप कार्यवाही करते हुए आरोपी हिमांशु गुप्ता को को परिवादी से सात हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। एसीबी द्वारा इन तीनों मामलों में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा।