श्रीनगर। आतंकवादियों को कड़ा संदेश देते हुये जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कश्मीर घाटी के पर्यटन स्थल पहलगाम में मंत्रिमंडल की विशेष बैठक आयोजित की और कहा कि यह सिर्फ प्रशासनिक कार्य नहीं, बल्कि आतंकवाद के कायराना हमलों से न डरने का स्पष्ट संदेश है।
पाकिस्तानी आतंकवादियों ने गत् 22 अप्रैल को पहलगाम में बर्बरतापूर्वक 26 लोगों की हत्या कर दी थी। इसी के खिलाफ एकजुटता का संदेश देने के लिए मुख्यमंत्री ने यह विशेष बैठक की। जम्मू-कश्मीर में पिछले वर्ष सरकार के गठन के बाद यह पहला मौका है जब श्रीनगर या जम्मू से अलग किसी स्थान पर मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि यह केवल एक नियमित प्रशासनिक कार्य नहीं है, बल्कि एक स्पष्ट संदेश है कि हम आतंकवाद के कायराना कृत्यों से भयभीत नहीं हैं। शांति के दुश्मन कभी भी हमारे संकल्प को निर्देशित नहीं कर पाएंगे। जम्मू-कश्मीर के लोग दृढ़ता, मजबूती और निडरता से खड़े हैं।
अब्दुल्ला बुधवार को उत्तर कश्मीर के गुलमर्ग में भी मंत्रियों, प्रशासनिक सचिवों, संभागीय आयुक्तों, विभाग प्रमुखों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, पहलगाम और गुलमर्ग में हो रही ये बैठकें जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और सामान्य स्थिति का मजबूत संदेश देने तथा घाटी में पर्यटन को फिर से बहाल करने के उद्देश्य से की जा रही हैं।
बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर की मंत्री सकीना इट्टू ने कहा कि बैठक का उद्देश्य पहलगाम के लोगों के साथ एकजुटता दिखाना और आतंकवादी हमले की निंदा करना था।
नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि यह बैठक घाटी के लोगों के हौसले का संदेश है। उन्होंने कहा कि चरवाहों की घाटी (पहलगाम) फिर से उभरेगी। पहलगाम के पास बैसरन घाटी में आतंकवादी हमले के बाद पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है, जिससे पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोग बहुत चिंतित हैं।
इससे पहले भी, अब्दुल्ला ने 2009 से 2014 तक मुख्यमंत्री के रूप में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान कश्मीर और जम्मू दोनों क्षेत्रों में नियंत्रण रेखा के करीब मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की थी, जिनमें दूरदराज और सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को श्रीनगर में कश्मीर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और पर्यटन उद्योग को बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने केन्द्र शासित प्रदेश के भीतर पर्यटन को बढ़ावा देने और स्कूल-कॉलेजों को शैक्षणिक भ्रमण कराने के लिए प्रोत्साहित करने की बात कही।
अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री और संसदीय कार्य विभाग से अनुरोध किया है कि संसद की स्थायी और सलाहकार समितियों की बैठकें कश्मीर में आयोजित की जायें ताकि लोगों में विश्वास बढ़े और क्षेत्र को पहचान मिले। उन्होंने हाल ही में नई दिल्ली में नीति आयोग के सम्मेलन में भाग लेने आए मुख्यमंत्रियों से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की बैठकें और प्रदर्शनियां तथा राष्ट्र स्तर के अन्य कार्यक्रम कश्मीर घाटी में आयोजित करने का अनुरोध किया।