विहार के दौरान जैन संतों की रक्षा व जैन तीर्थ स्थलों की सुरक्षा की मांग
अजमेर। जैन संतों की रक्षा और जैन तीर्थ स्थलों की सुरक्षा की मांग को लेकर आज सकल जैन समाज ने आक्रोश रैली निकाल कर कलेक्टर को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
सकल जैन समाज ने दिए ज्ञापन में साधु सन्तों के विहार व जैन तीर्थ स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था की मांग की। उन्होंने ज्ञापन में कहा कि पिछले कुछ दिनों में साधु-संतो के विहार के दौरान आकस्मिक दुर्घटनाओं के कारण अनेक जैन मुनि साधु-संत सतियांजी कालधर्म को प्राप्त हो गए। इसलिए सकल जैन धर्म के अनुयाईयों के साधु-संत सभी श्रावक श्राविकायों में भारी आक्रोश है व जैन तीर्थस्थलों में आए दिन हो रही चोरी की घटनाएं व अपराधिक वारदातों को रोकने के लिये विशेष चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की जाए।
भारत सरकार एवं राजस्थान सरकार से अनुरोध है कि साधु सन्तों का जब भी विहार हो उस समय मार्ग में पुलिस सुरक्षा व्यवस्था की जाए, जिससे यातायात व्यवस्था दुरूस्त हो सकें तथा दुर्घटनाएं ना हों। जैन तीर्थ स्थलों पर हो रही लगातार वारदातों, चोरियों को रोकने के लिए सरकार को पुख्ता बंदोबस्त करने के निर्देश दिए जाए और असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्यवाही की जाए। ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति ना हों।
साधु सन्तों को टक्कर मारकर भागने वाले ड्राईवरों के लिए प्रदेश भर में धारा 106 (बीएनएस) में मुकदमा दर्ज किया जाए,अनिवार्य फुटपाथ और सडक सुरक्षा ढांचा सभी प्रमुख सडकों, राजमार्गो पर विशेषकर साधु-सन्तों, श्रद्धालुओं व सामान्य पद यात्रियों द्वारा प्रयुक्त मार्गों पर कम से कम 3 फीट चौडा व एक फीट उंचा फुटपाथ मय रेलिंग के बनाई जाए।
राष्ट्रीय पदयात्री सुरक्षा मिशन का शुभारंभ पदयात्रियों, विशिष्ठ रूप से साधु-सन्त एवं तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक विशेष कार्यक्रम प्रारंभ किया जाए। यह केवल पूज्य गुरुदेवों के लिए ही नहीं बल्कि भारत की सडकों पर चलने वाले हर जीवन की सुरक्षा एवं गरिमा के लिए है। सभी सकल जैन समाज की मांग है कि सरकार संबंधित विभागों को सख्त निर्देश जारी करें।