नई दिल्ली। केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने अंतरराष्ट्रीय अपराध पुलिस संगठन (इंटरपोल) के सहयोग से एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए लंबे समय से वांछित भगोड़े मुन्नावर ख़ान को कुवैत से भारत वापस लाने में सफलता हासिल की है। आरोपी पर षड्यंत्र, धोखाधड़ी और जालसाज़ी जैसे गंभीर आरोप हैं।
सीबीआई की अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (आईपीसीयू) ने विदेश मंत्रालय तथा कुवैत की राष्ट्रीय अपराध शाखा के सहयोग से इस कार्रवाई को अंजाम दिया। मुन्नावर ख़ान को कुवैत पुलिस की निगरानी में 11 सितम्बर को हैदराबाद स्थित राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन पर लाया गया। यहां सीबीआई की विशेष अपराध शाखा, चेन्नई की टीम ने उसको हिरासत में लिया है।
सीबीआई के अनुसार मुन्नावर ख़ान पर आरोप है कि उसने अन्य सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर बैंक ऑफ बड़ौदा से करोड़ों रुपये की ठगी की थी। धोखाधड़ी के तुरन्त बाद वह कुवैत भाग गया और न्यायालय ने उसे घोषित अपराधी घोषित कर दिया था।
सीबीआई के अनुरोध पर इंटरपोल ने 07 फ़रवरी 2022 को मुन्नावर ख़ान के विरुद्ध रेड नोटिस जारी किया था। इसके आधार पर कुवैत में उसकी गिरफ़्तारी हुई और फिर उसे भारत प्रत्यर्पित करने का निर्णय लिया गया।
सीबीआई देश में इंटरपोल का राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो होने के नाते देश की सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करता है। इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस विश्वभर में प्रसारित किए जाते हैं, जिससे वांछित अपराधियों का पता लगाया जा सके। सीबीआई ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में इंटरपोल चैनलों के माध्यम से 130 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है।