आबूरोड गोशाला के रजिस्टर में 1206 पशु, गणना में मिले 792

 

सबगुरु न्यूज- आबूरोड। दो दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी आबूरोड आए थे। इसी दौरान लोकसभा और जिले की भाजपा के कई नेता जुटे थे। इसी दौरान कुछ युवकों ने उन्हें ज्ञापन देकर यहां की गोशाला में अनियमितता की शिकायत की थी। इस शिकायत के पहले विभिन्न मंचों पर भेजे गए पत्र के बाद तहसीलदार और जिला पशुपालन विभाग ने इस गोशाला का सूक्ष्म निरीक्षण किया। तहसीलदार के आदेश पर आरआई व पटवारी द्वारा बनाई गई फर्द में यहां के रजिस्टर में 1206 पशुओं की एंट्री दिखाई गई। लेकिन, पशुपालन विभाग व राजस्व विभाग के द्वारा की गई विस्तृत जांच में यहां पर पशुओं की संख्या 792 दर्ज की गई।

-दो स्तरीय जांच, दोनों में कम मिली गायें 

विभिन्न मंचों पर की गई शिकायतों के सिरोही के संबंधित अधिकारियों के पहुंचने वा आबूरोड गोशाला की दोबारा गणना हुई। एक गणना तहसीलदार ने 10 सितम्बर को करवाई। ये रेंडम निरीक्षण था। इसकी फर्द के अनुसार यहां के रजिस्टर में 1206 पशु पंजीकृत बताए गए हैं। तहसीलदार की गणना के दौरान स्टाफ का अभाव होने के कारण रेंडम गणना की इसमें 700 पशुओं की गणना हुई। इसी फर्द के अनुसार राजस्व रेकर्ड में गउशाला जोड के नाम से करीब 500 बीघा से ज्यादा जमीन नामांतरित है, जिसके 15 बीघा में गोशाला संचालित है शेष भूमि में मूंगफली, अरंडी, मक्का, मूंग आदि की खेती की हुई है। उस समय स्टाफ की कमी के कारण बाद में पशुपालन विभाग और राजस्व के संयुक्त दल के एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने पशुपालन विभाग की तकनीक से फिर से गणना की। इसमें टेगिंग वाले पशुओं और गैर टेगिंग वाले पशुओं को टेगिंग करके गिना गया। पशुपालन विभाग सिरोही के निदेशक डाॅ अमित चैधरी के अनुसार यहां गणना में यहां पर 792 पशु मिले। उन्होंने बताया कि गोशाला का विस्तृत निरीक्षण किया गया है और हर बिदुवार रिपोर्ट तैयार की गई है। इसकी रिपोर्ट जिला कलेक्टर व गोपालन विभाग को भेज दी गई है। आगे की कार्रवाई वही करेगी। वहीं गोशाला के अध्यक्ष नेमीचंद अग्रवाल ने इस सबंध में जो भी बात कहनी होगी वो सरकार से कहने की बात कही।

-गोशालाओं के लिए बनी है एसओपी

भारत सरकार का कृषि मंत्रालय के अधीन एक विभाग है आईसीएआर यानि इंडियन काउंसिल आॅफ एग्रीकल्चर रिसर्च। इसका एक अनुभाग है एनीमल साइंस डिविजन। इसी विभाग के द्वारा एक समिति गठित की गई थी। जिसने गोशालाओं के प्रबंधन के लिए एक मेनुअल बनाया था। इस मेनुअल को 3 मई 2016 के संग्रहित करके प्रकाशित किया गया था। इसमें ही गोशालाओं में गायों को रखने के लिए की जाने वाली व्यवस्थाएं, पशु की पहचान और उनके रेकर्ड रखने, बीमारी होने पर उनके आईसोलेशन, उम्र और कद काठी के अनुसार उनकी फीडिंग, वेटेनरी केयर, वेक्सीनेशन, अक्षम पशुओं की देखभाल, स्टाफ पैटर्न आदि सबके बारे में एक मार्गदर्शन दिया गया है। इसी मेनुअल के आधार पर गोशालाओं का प्रबंधन किया जाता है।