पद्म विभूषण पं. छन्नूलाल मिश्र की 13वीं पर परिवार में विवाद, बेटे-बेटी ने छपवाए अलग-अलग कार्ड

वाराणसी। पद्म विभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र के दो अक्टूबर को निधन होने के बाद उनके परिवार में विवाद शुरू हो गया है। अंतिम संस्कार के बाद अब तेरहवीं संस्कार को लेकर बेटे और बेटी के बीच नया विवाद सामने आया है। पंडित छन्नूलाल मिश्र की तेरहवीं 14 अक्टूबर को होनी है और बेटे रामकुमार मिश्र और बेटी नम्रता मिश्र ने अलग-अलग निमंत्रण पत्र छपवाए हैं।

काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने कहा कि एक मृतक की दो जगह तेरहवीं संस्कार करना गलत है। इससे मृत आत्मा को शांति नहीं मिलती। हिंदू शास्त्रों के अनुसार तेरहवीं संस्कार परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ मिलकर करना चाहिए। शास्त्रों में दो स्थानों पर तेरहवीं संस्कार का कोई उल्लेख नहीं है।

पंडित छन्नूलाल मिश्र की तेरहवीं बेटे रामकुमार मिश्र द्वारा दुर्गाकुंड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार महाविद्यालय में आयोजित की जाएगी, जबकि बेटी नम्रता मिश्र ने रोहनिया स्थित अपने आवास पर तेरहवीं संस्कार किया जाएगा।

डॉ. नम्रता मिश्र का कहना है कि उनके पिता के सभी निर्णयों का सम्मान किया गया। पिताजी की तबीयत लंबे समय से खराब थी इसलिए वे उनके साथ मिर्जापुर में रहते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भाई रामकुमार द्वारा बेवजह आरोप-प्रत्यारोप किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भईया ने जल्दबाजी में सभी कर्मकांड तीन दिनों में पूर्ण करा दिया और सनातन परंपराओं का ध्यान नहीं रखा। साथ ही, मकान बिक्री भी पिताजी की सहमति से हुई थी।

वहीं, रामकुमार ने कहा कि उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि पिताजी की इच्छा के अनुसार ही सभी संस्कार किए जा रहे हैं। पारिवारिक विवाद को कुछ लोगों द्वारा अनावश्यक रूप से बढ़ाया गया है।