मुंबई। मुंबई की स्थानीय अदालत ने एक वरिष्ठ नागरिक को लापरवाही से गाड़ी चलाने और पुलिस कांस्टेबल को घायल करने के जुर्म में अदालत उठने तक एक दिन की सज़ा सुनाई है। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एसजी अग्रवाल ने 83 वर्षीय नवल के श्रीवास्तव को अदालत उठने तक की सजा दी और 1,000 रुपए का जुर्माना लगाया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार पुलिस कांस्टेबल अशोक नारिंगेकर अगस्त 2018 में जूहू वरसोवा लिंक रोड पर मोटरसाइकिल से सफर कर रहे थे। उसी वक्त 76 वर्ष के रहे श्रीवास्तव भी अपनी कार से उस रास्ते पर सफर कर रहे थे।
नारिंगेकर के अनुसार जब ट्रैफिक सिग्नल हरा हुआ तो दोनों आगे बढ़े। ट्रैफिक ज्यादा होने के कारण नारिंगेकर ने अपने पीछे खड़े श्रीवास्तव से रुकने के लिए कहा लेकिन उन्होंने इस बात को नज़रंदाज़ करते हुए कार आगे बढ़ाई। नतीजतन उनकी मोटरसाइकिल गिर गई और श्रीवास्तव को भी चोट पहुंची।
आरोपी ने घटनास्थल से फरार होने की कोशिश की लेकिन ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें रोक लिया। आरोपी ने अदालत में दावा किया कि मामूली नुकसान पहुंचाने वाली दुर्घटना भारतीय न्याय संहिता के अनुच्छेद 95 के तहत दिए गए अपवाद की श्रेणी में आती है।
अदालत ने श्रीवास्तव के इस बचाव को खारिज कर दिया कि पीड़ित को लगी चोट बहुत मामूली थी। अदालत ने कहा कि सार्वजनिक सड़क पर लापरवाही से गाड़ी चलाना एक जुर्म है, जिसके लिए अनुच्छेद 95 के तहत बचाव नहीं किया जा सकता।



