जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में जफराबाद क्षेत्र के अहमदपुर गांव के पुरानी गोदाम निवासी एक दंपत्ति की उनके ही कलियुगी पुत्र ने पैसों और पारिवारिक विवाद को लेकर आठ दिसम्बर को जघन्य हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी बेटे ने माता-पिता के शव को गोमती नदी के बेलाव घाट पर ले जाकर फेंक दिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतकों की पहचान श्यामबहादुर और उनकी पत्नी के रूप में हुई है। श्यामबहादुर मूल रूप से केराकत क्षेत्र के खरगसेनपुर गांव के निवासी थे। उन्हें यहां उनके ससुर स्वर्गीय रामनारायण द्वारा संपत्ति दी गई थी।
श्यामबहादुर लंबे समय तक टाटा जमशेदपुर में रहे और रेलवे में लोको पायलट के पद पर तैनात थे। वे 30 जून 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे, जिसके बाद पत्नी के साथ गांव में रहने लगे थे। श्यामबहादुर के परिवार में तीन पुत्रियां वंदना कुमारी, अर्चना और सपना तथा एकमात्र पुत्र अम्बेश कुमार है।
तीनों पुत्रियों की शादी हो चुकी है। अम्बेश पिछले करीब छह वर्षों से कोलकाता में रहकर निजी नौकरी कर रहा था। पांच वर्ष पूर्व उसने वहां एक दूसरे सम्प्रदाय की युवती से विवाह कर लिया था, जिससे उसके एक पुत्र और एक पुत्री हैं।
बताया जाता है कि इस विवाह को लेकर माता-पिता काफी नाराज थे और उन्होंने बहू को स्वीकार करने से साफ इंकार कर दिया था। वे अम्बेश पर पत्नी को छोड़ देने का दबाव बनाते रहे। इसी को लेकर परिवार में लंबे समय से विवाद चला आ रहा था। तीन माह पूर्व अम्बेश घर आया था। इसके बाद से पत्नी को लेकर विवाद और गहरा गया।
चर्चा है कि तलाक की बात भी चली थी, जिसमें पत्नी द्वारा पहले दस लाख और बाद में पांच लाख रुपए की मांग की जा रही थी। अम्बेश वही पांच लाख रुपये अपने पिता से मांग रहा था, लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद श्यामबहादुर ने पैसा देने से इंकार कर दिया।
परिजनों और ग्रामीणों के अनुसार पैसों और पारिवारिक तनाव को लेकर उपजा यही विवाद अंततः दंपती की हत्या का कारण बना। घटना के बाद से क्षेत्र में सनसनी फैली हुई है और लोग इस अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा कर रहे हैं।
अपर पुलिस अधीक्षक नगर आयुष श्रीवास्तव ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को अंबेश कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने बताया कि अपने माता- पिता को सिर में पत्थर से मार कर मार डाला है और बोरे में भरकर दोनों को बेलाव घाट के पास गोमती नदी में फेंक दिया है। उन्होंने बताया कि आज दिन में गोमती नदी में गोताखोरों द्वारा शवों की तलाश की गई मगर पता नहीं चला है, कल भी गोमती नदी में गोटा को दोनों शवों को ढूंढेंगे।



