केरल निकाय चुनाव में तिरुवनंतपुरम के महापौर बने भाजपा के वीवी राजेश

तिरुवनंतपुरम। केरल नगर निगमों में महापौर पदों के लिए शुक्रवार को चुनाव हुआ। इसमें तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा के वीवी राजेश मेयर चुने गये। उन्हें मिले 51 मतों में से निर्दलीय पार्षद पतूर राधाकृष्णन का भी एक मत शामिल था

वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के उम्मीदवार आरपी शिवाजी को 29 और संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के उम्मीदवार केएस सबरीनाथन को 17 मत मिले। हस्ताक्षर में गड़बड़ी के कारण यूडीएफ के दो पार्षदों एस लतिका और के आर क्लीटस के मत अमान्य करार दिए गए। निर्दलीय पार्षद सुधीश कुमार ने महापौर के चुनाव में मतदान नहीं किया।

चुनाव से पहले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने पार्षदों की शपथ ग्रहण प्रक्रिया में कथित उल्लंघन पर आपत्ति उठायी। यह दावा किया कि 20 भाजपा पार्षदों ने निर्धारित प्रारूप से हटकर भगवान का नाम लेकर शपथ ली है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पार्षद एसपी दीपक ने शिकायत दर्ज कराते हुए चुनाव प्रक्रिया को रद्द करने और संबंधित पार्षदों को अयोग्य घोषित करने की मांग की। उन्होंने दावा किया कि पार्टी के पास इस दावे का डिजिटल प्रमाण है।

जिला आयुक्त अनिता कुमारी ने हालांकि भाकपा की आपत्ति खारिज कर दी। उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दे शपथ ग्रहण से पहले उठाए जाने चाहिए थे। उन्होंने बताया कि पार्षदों ने शपथ पत्रों पर हस्ताक्षर किए, दायित्व ग्रहण किया और परिषद की पहली बैठक में भाग लिया, जिससे प्रक्रिया वैध हो गई।

जिला आयुक्त ने स्पष्ट किया कि किसी भी विवाद को केवल न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। राज्य के अन्य निगमों में भी महापौर चुनाव पूरा हो चुका है। कोच्चि की महापौर के रूप में वीके मिनिमोल, त्रिशूर की महापौर के रूप में निजी जस्टिन और कन्नूर की महापौर के रूप में पी इंदिरा चुनी गईं। इस चुनाव में कन्नूर, त्रिशूर और कोच्चि के महापौर पद महिलाओं के लिए आरक्षित थे।

महापौरों के चयन के बाद परिषदें उपमहापौरों के चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ाएंगी। इस बीच जिला पंचायतों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों के चुनाव 27 दिसंबर को होने हैं, जो केरल के स्थानीय निकायों में नेतृत्व गठन के अगले चरण का हिस्सा हैं।