मथुरा। सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद मथुरा के वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर का खजाना शनिवार को 54 साल बाद खोला गया।
जिला प्रशासन द्वारा गठित उच्च अधिकार प्राप्त समिति के नेतृत्व में खजाना खोला गया लेकिन खजाने में कोई भी कीमती सामान नहीं मिला है। कई घंटों तक खजाने के लिए तहखाने में काफी खोजबीन की गई। खोजबीन में अभी तक सिर्फ दो बक्से मिले हैं। दोपहर एक बजे खजाना खोला गया और पांच बजे तक खजाने को बंद कर दिया गया।
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि सिविल जज जूनियर डिवीजन और सेवायतों के साथ मिलकर तहखाना खोला था, फिलहाल तहखाने को फिर से बंद कर दिया गया है और अब आगे कब खोला जाएगा ये अभी बताना मुश्किल है। कुछ बक्से मिले हैं बाकी कोई बहुत कीमती सामान नहीं मिला है।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार यह खजाना 160 साल पुराना बताया जा रहा है। इसे अब से पहले 1971 में खोला गया था उसके अब दीपावली से पहले शनिवार को धनतेरस वाले दिन खोला गया। खजाने के लिए तहखाने को खोलने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।
ग्राइंडर से मुख्य दरवाजे के ताले काटे गए, उसके बाद पुलिस, प्रशासन और कमेटी के सदस्यों ने प्रवेश किया। बांके बिहारी का खजाना खोलने का निर्णय 29 सितंबर को लिया गया था। 17 अक्टूबर को कमेटी के सचिव और जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने खजाना खोलने का आदेश जारी किया था।