एनीमिया के खिलाफ राजस्थान की सबसे बड़ी जंग
अजमेर। भारत विकास परिषद राजस्थान मध्य प्रांत की ओर से संचालित स्वास्थ्य पहल-एनीमिया मुक्त राजस्थान के राज्यव्यापी अभियान के अंतर्गत अजमेर, भीलवाड़ा, ब्यावर तथा राजसमंद जिलों के 275 विद्यालयों में एक ही दिन में 51,000 बालिकाओं के हीमोग्लोबिन की जांच की गई। जांच के उपरांत एनीमिक पाई गई छात्राओं को आयरन की गोलियां वितरित की गईं तथा खून की कमी से बचने के उपाय भी समझाए गए।
प्रांतीय महासचिव आनंद सिंह राठौड़ ने बताया कि यह ऐतिहासिक अभियान कक्षा 6 और उससे ऊपर की छात्राओं को ध्यान में रखते हुए चलाया गया। इस अभियान में परिषद की 38 इकाइयों के 2000 सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। परिषद के दायित्वधारी विगत दो माह से इस कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे थे।
चिकित्सा विभाग की तकनीकी टीम ने आवश्यक सामग्री और हीमोग्लोबिनोमीटर मशीन के साथ निर्धारित समय पर विद्यालयों में पहुंचकर जांच कार्य प्रारंभ किया। इस संपूर्ण कार्यक्रम में शिक्षा एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का भरपूर सहयोग मिला। विद्यालयों में बालिकाओं और शिक्षकों में उत्साह दिखाई दिया। एनीमिक बालिकाओं को पोषण सामग्री भी वितरित की गई।
प्रांतीय प्रकल्प प्रभारी दिलीप पारीक ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य केवल एनीमिया की पहचान करना नहीं, बल्कि इसके उपचार द्वारा बालिकाओं को इससे होने वाले दुष्प्रभावों से बचाना भी है। यह पहला अवसर है जब परिषद द्वारा पूरे राज्य में इतने बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि एनीमिक बालिकाओं का नियमित फॉलो-अप भी लिया जाएगा।
प्रांतीय अध्यक्ष राधेश्याम सोमानी ने कहा कि सेवा प्रकल्प के तहत परिषद विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करता है और यह गतिविधि मिल का पत्थर साबित होगी। पेश है जिलावार रिपोर्ट…
अजमेर जिले की 12 शाखाओं द्वारा 118 विद्यालयों में कुल 19,000 बालिकाओं की जांच की गई।
भीलवाड़ा जिले की 17 शाखाओं ने 100 विद्यालयों में 18,000 बालिकाओं की जांच की।
ब्यावर जिले की 6 शाखाओं ने 34 विद्यालयों में 6,000 बालिकाओं की जांच की।
राजसमंद जिले की 4 शाखाओं ने 26 विद्यालयों में 8, 000 बालिकाओं की जांच की।
अजमेर शहर बना प्रेरणा स्रोत
संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेश गाबा ने बताया कि अजमेर शहर की मुख्य शाखा, आदर्श शाखा तथा महाराणा प्रताप शाखा द्वारा 28 विद्यालयों तथा 2 महाविद्यालयों में कुल 6,700 बालिकाओं के हीमोग्लोबिन की जांच की गई। साथ ही, छात्राओं के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। कृष्ण गोपाल गोयल, सुलक्षणा पारीक तथा महेंद्र कुमार रांका की अध्यक्षता में तीनों शाखाओं ने अलग अलग शिविर लगाए।
शिविर लगाए गए प्रमुख विद्यालय/महाविद्यालय
द्रौपदी देवी सांवलमल स्कूल, गुजराती स्कूल, मॉडल स्कूल, सावित्री स्कूल, टाक ग्लोबल एकेडमी, द टर्निंग पॉइंट स्कूल, एचकेएच स्कूल, राजकीय बालिका विद्यालय आंतेड, श्री बालाजी रॉयल स्कूल, माकड़वाली, पीएम श्री स्कूल लोहागल, रेयान स्कूल, सेंट्रल एकेडमी, राजकीय बालिका विद्यालय आदर्शनगर, रामगंज, पहाड़गंज, गुलाबबाड़ी, माखुपुरा, कल्याणीपुरा, सेंट्रल गर्ल्स स्कूल, एमजीजीएस वैशाली नगर, फायसागर, मथुरा प्रसाद गुलाबदेवी, सम्राट पब्लिक स्कूल, महाराजा अग्रसेन स्कूल, राजकीय कन्या महाविद्यालय एवं राजकीय महिला इंजीनियरिंग कॉलेज।
अजमेर जिला की शाखाओं ने पूरे समर्पण से निभाई जिम्मेदारियां
अजमेर मुख्य, अजमेर आदर्श, अजमेर महाराणा प्रताप, मदनगंज-किशनगढ़, विवेकानंद किशनगढ़, महाराणा प्रताप किशनगढ़, केकड़ी, नसीराबाद, सरवाड़, पुष्कर, बांदनवाड़ा, अराई।
माताएं-बेटियां साथ आईं, बना जन-जागरूकता का पर्व
एनीमिया विषयक लगातार जागरूकता अभियानों के चलते कई विद्यालयों में छात्राओं की माताएं एवं बहनें भी जांच शिविरों में शामिल हुईं और उन्होंने भी अपनी जांच करवाई।
स्ट्रांग रूम की व्यवस्था
प्रत्येक शहर में एक स्ट्रांग रूम स्थापित किया गया जहां सभी विद्यालयों की जांच रिपोर्ट एकत्रित की गई एवं ऑनलाइन अपलोड की गई। इससे मॉनिटरिंग एवं डेटा प्रबंधन सशक्त और सुचारू रूप से संपन्न हुआ।
चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग का सहयोग
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्योत्सना रंगा तथा ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों ने तकनीकी स्टाफ की टीमें नियुक्त कीं। कई स्थानों पर मेडिकल कॉलेज ने भी अपनी टीमें भेजीं। तकनीकी स्टाफ की पूर्ति हेतु आस-पास के क्षेत्रों से भी सहयोग लिया गया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं विद्यालय प्रशासन ने उत्साहपूर्वक इस कार्यक्रम का समर्थन किया। जिला शिक्षा अधिकारी ऊषा कछावा का विशेष सहयोग उल्लेखनीय रहा।
सिर्फ जांच नहीं, उपचार तक की प्रतिबद्धता
कार्यक्रम केवल जांच तक सीमित नहीं है। परिषद की टीम समय-समय पर विद्यालयों में जाकर एनीमिक छात्राओं की स्थिति का फॉलो अप करेगी तथा उन्हें पोषण और उपचार से संबंधित सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
महासचिव और प्रभारियों के निरीक्षण दौरे
क्षेत्रीय महासचिव संदीप बाल्दी की उपस्थित भीलवाड़ा में रही। प्रांतीय महासचिव आनंद सिंह राठौड़ ने विभिन्न जिलों में शिविरों का निरीक्षण कर कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन किया। प्रकल्प प्रभारी दिलीप पारीक ने शाखाओं द्वारा आयोजित शिविरों एवं स्ट्रांग रूम का अवलोकन किया।
डॉ. सुरेश गाबा ने अजमेर जिले के लगभग सभी शिविरों का निरीक्षण किया। प्रशांत पाबुवाल ने ब्यावर जिले का जिम्मा संभालते हुए क्षेत्र का दौरा किया। सीए शिवम प्रह्लादका ने भीलवाड़ा के के जिला प्रभारी भी रहे।सतीश तापड़िया ने राजसमंद जिले की चारों शाखाओं में समन्वयन बनाए रखा। भीलवाड़ा शहर प्रभारी श्याम कुमावत एवं किशनगढ़ शहर प्रभारी राजेश कामदार ने अपने-अपने क्षेत्रों में व्यवस्था सुनिश्चित की।
मातृशक्ति की विशेष भूमिका
प्रांतीय संयोजक महिला सहभागिता कमलेश बंट के नेतृत्व में मातृशक्ति को संगठित एवं प्रेरित किया गया। एनीमिया मुक्त एवं आत्मनिर्भर भारत अभियान की प्रांतीय प्रभारी सोनिया बंग ने प्रांत की सभी इकाइयों में बनाई गई टोलियों के साथ मातृशक्ति की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की। उन्होंने छात्राओं में जागरूकता बढ़ाने में भी सहयोग किया।
कार्यक्रम में रही एकरूपता
प्रांत की सभी इकाइयों ने एकरूपता से कार्यक्रम संचालित किया। समान बैनर, टीम टोलियां, शाखा स्तर पर स्ट्रांग रूम, रिपोर्ट कार्ड, किट वितरण आदि के माध्यम से अनुशासन व समन्वय सुनिश्चित किया गया।
बैकअप प्लान की व्यवस्था
बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में हीमोग्लोबिनोमीटर के सुचारू संचालन हेतु बैटरी की वैकल्पिक व्यवस्था की गई। साथ ही, मेडिकल व परिषद की टीमों की भी अतिरिक्त व्यवस्था प्रत्येक शहर में सुनिश्चित की गई।