भारतीय सिन्धू सभा ने मनाई नवलराय बच्चाणी की छठी पुण्यतिथि

अजमेर। भारतीय सिन्धू सभा की ओर से देशभर में आयोजित होने वाले बाल संस्कार शिविरों के साथ गीत संगीत की कार्यशालाओं के दादा नवलराय बच्चाणी जनक थे। ऐसे विचार आज बच्चाणी की छठी पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में सभा के राष्टीय उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने प्रकट किए।

बच्चाणी ने राजस्थान सिन्धी अकादमी में अध्यक्ष रहते हुए राज्यभर में सामाजिक, धार्मिक व शैक्षणिक संगठनों के सहयोग से ग्रीष्मकालीन अवकाशों में बच्चों के लिए बाल संस्कार शिविरों की योजना बनाकर सिन्धी भाषा का ज्ञान बढाया।

बच्चाणी ने श्री अमरापुर स्थान व महामण्डलेष्वर हसंराम साहिब व संत महात्माओं के सहयोग सिन्धी गीत संगीत की कार्यशालाओं का आयोजन कर राज्यभर में रथयात्रा का भी आयोजन किया। उन्होंने भाषा, संस्कृति व प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार के पुस्तक प्रकाशन कराए व जीवन पर्यन्त शिविरों के माध्यम से जानकारी दी।

संभाग के संगठन मंत्री निरंजन शर्मा ने कहा कि बच्चाणी ने 1979 से भारतीय सिन्धू सभा के गठन से ही देशभर में प्रवास कर ईकाईयों का गठन किया। सदैव कार्यकर्ताओं के अभ्यास वर्ग व शिविरों में मार्गदर्शन देते हुए समाज के हर वर्ग को जोडने का कार्य किया।

प्रदेश मंत्री युवा मनीष गुवालाणी ने कहा कि दादा बच्चाणी शिविरों में प्लास्टिक मुक्त का संदेश देकर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते थे और आज उन्हीं की प्रेरणा से शिविरों में भी प्लास्टिक के उपयोग से बचने के उपाय किए जा रहे हैं और प्लास्टिक के ग्लास संगठन की ओर से उपलब्ध करवाए गए हैं।

महानगर संगठन मंत्री मोहन कोटवाणी ने कहा कि आज चार संस्कार शिविर पार्वती उद्यान, अजयनगर, झूलेलाल मन्दिर, वैशाली नगर, सिन्धू भवन पंचशील नगर व स्वामी सर्वानन्द विद्यालय में चल रहे हैं और शेष स्थानों पर भी प्रारम्भ किए जा रहे हैं। सभी केन्द्रों पर महाराजा दाहरसेन के चित्र पर रंगभरो प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा जिन्हें 16 जून को सिन्धूपति महाराजा दाहरसेन स्मारक पर आयोजित बलिदान दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा।

कार्यक्रम में संभाग प्रभारी मोहन तुलस्यिाणी, महानगर अध्यक्ष नरेन्द्र बसराणी, मंत्री महेश टेकचंदाणी, जिला मंत्री रमेश वलीरामाणी, मातृशक्ति अध्यक्ष रूकमणी वतवाणी, सीताराम बच्चाणी, नरेन्द्र सोनी, भगवान पुरसवाणी, रमेश लखाणी, खूबचन्द भागचंदाणी, किशन केवलाणी, सुनीता भागचंदाणी, हरी केवलाणी, राम केसवाणी, शंकर सबनाणी, मुकेश आहूजा, अंजलि हरवाणी, माला टेवाणी सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।