विस्पर्स इन द रेन: पुस्तक प्रेमियों ने खोजा रहस्य और रोमांच का संसार

थ्रिल और थिंकिंग का संगम बना ‘कॉज़ी पेजेज़’ का आयोजन
अजमेर। आदर्श नगर स्थित मुकुंद गार्डन की हरियाली और हल्की फुहारों के बीच रविवार की संध्या रहस्य और रोमांच के रंग में रंग गई, जब कॉज़ी पेजेज़ श्रृंखला के अंतर्गत ‘विस्पर्स इन द रेन’ शीर्षक से एक अनोखा साहित्यिक आयोजन संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य पाठकों को रहस्य, रोमांच और जासूसी साहित्य की अनूठी दुनिया से जोड़ना था।

इस विशेष आयोजन में 8 से 80 वर्ष की आयु के पाठकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और हिंदी तथा अंग्रेज़ी के प्रतिष्ठित लेखकों की चर्चित पुस्तकों पर विचार-विमर्श किया।

अंग्रेज़ी साहित्य के खंड में आर्थर कॉनन डॉयल की ‘शरलॉक होम्स’, अगाथा क्रिस्टी की ‘मर्डर ऑन द ओरिएंट एक्सप्रेस’, डैन ब्राउन की ‘द दा विंची कोड’, गिलियन फ्लिन की ‘गॉन गर्ल’ और स्टिग लार्सन की ‘द गर्ल विद द ड्रैगन टैटू’ जैसी लोकप्रिय पुस्तकों को चर्चा का केंद्र बनाया गया।

वहीं हिंदी खंड में सुरेंद्र मोहन पाठक की ‘सैंतीसवां आरोपी’, वेद प्रकाश शर्मा की ‘राजघराने की रानी’, इब्ने सफ़ी की ‘जासूसी दुनिया’, मनु शर्मा, दिव्य प्रकाश दुबे और एस. हरनोट की रहस्यपूर्ण कहानियों पर पाठकों ने संवाद किया। कुछ स्थानीय लेखकों की रहस्यकथाएं भी प्रस्तुत की गईं, जिनमें अजमेर की पृष्ठभूमि पर आधारित स्वयं-रचित कहानियां भी शामिल थीं।

कार्यक्रम के संयोजक दिलीप पारीक ने बताया कि विस्पर्स इन द रेन का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि गंभीर पठनीयता को बढ़ावा देना है। थ्रिलर और सस्पेंस साहित्य पाठकों की विश्लेषण क्षमता और कल्पनाशीलता को जाग्रत करता है। इस वातावरण में पढ़ना एक मानसिक साधना जैसा अनुभव है।

डॉ. संजय भार्गव ने कहा कि ऐसे आयोजन नई पीढ़ी को पुस्तकों के माध्यम से विचारशील और रचनात्मक बनने के लिए प्रेरित करते हैं। पुस्तलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह झाला ने पुस्तकों के सामाजिक महत्व और मस्तिष्क पर उनके प्रभाव पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में दिलीप कुमार तामरा, विनीता बेधोतिया, इंद्रजीत लॉरेंस, कविता अग्रवाल, नितिन अनंत, दीपाली शर्मा, अंजू माथुर, सुलक्षणा पारीक सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।